यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस का दोस्त उत्तर कोरिया मैदान में उतर गया है. रूस में उत्तर कोरिया अपने 10 हजार सैनिक भेज रहा है, जो यूक्रेन के खिलाफ मॉस्को का साथ देंगे. नाटो ने इसकी पुष्टि कर दी है.
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का कहना है कि उत्तर कोरिया के कुछ सैनिक पहले ही रूस पहुंच चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस में उत्तर कोरिया की सेना की तैनाती को बेहद खतरनाक बताया है.
बाइडेन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस में 10 हजार सैनिक भेजे हैं और वह कह रहा है कि उसने ट्रेनिंग के लिए सैनिकों को मॉस्को भेजा है.
नाटो ने क्या-क्या कहा?
नाटो का कहना है कि यूक्रेन के साथ रूस के तीन सालों से चल रहे युद्ध में अब उत्तर कोरिया भी शामिल हो गया है. वह रूस की मदद के लिए अपने सैनिकों को मॉस्को भेज रहा है, इनमें से कुछ पहले ही रूस की कुर्स्क सीमा में तैनात हो चुके हैं.
नाटो महासचिव मार्क रूट ने कहा कि मैं पुष्टि करता हूं कि उत्तर कोरिया के सैनिकों को रूस भेजा गया है और उत्तर कोरिया की सैन्य इकाइयों को कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया है. यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के शामिल होने की पुष्टि करता है. साथ ही रूस के युद्ध के विस्तार को जाहिर कर रहा है.
इस घटनाक्रम पर पेंटागन ने दावा किया है कि ये सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे हैं.पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा कि इन सैनिकों को ट्रेनिंग के नाम पर रूस भेजा गया है. लेकिन इनमें से कुछ सैनिक यूक्रेन के करीब पहुंच गए हैं.
उन्होंने कहा कि रूस इन सैनिकों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर रहा है. यह चिंता का विषय है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पहले ही सार्वजनिक तौर पर रूस को चेतावनी दी थी कि अगर उत्तर कोरिया के सैनिकों का इस्तेमाल युद्ध में किया जाता है, तो उन्हें युद्धरत माना जाएगा. साथ ही इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा.
जून में उत्तर कोरिया गए थे पुतिन
इससे पहले जून के महीने में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया का दौरा किया था. वह 24 साल बाद उत्तर कोरिया गए थे, जहां प्योंगयांग एयरपोर्ट पर उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने उनका स्वागत किया था. इससे पहले पुतिन और किम जोंग की मुलाकात पिछले साल सितंबर में हुई थी. तब किम जोंग रूस के व्लादिवोस्तोक शहर पहुंचे थे.
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