header advertisement

क्यों होते हैं बच्चे ऑटिज्म का शिकार: AIIMS ने किया शोध, पिता के स्पर्म से लेकर हवा-पानी हैं बीमारी का कारण

- हवा-पानी पर बढ़ा भारी धातुओं का भार, बच्चे हो रहे ऑटिज्म के शिकार - तेजी से बढ़ रही है ऑटिज्म की समस्या, बच्चों के व्यवहार में आता है बदलाव, सामान्य बच्चे से हो जाते हैं अलग

हवा पानी में बढ़ता भारी धातु का भार बच्चों के व्यवहार में बदलाव लाकर उन्हें ऑटिज्म का रोगी बना सकता है। इसका खुलासा एम्स के एक शोध से हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एसएसडी) एक न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति है। बच्चों में यह रोग होने की आशंका रहती है। इससे रोगी बच्चों के व्यवहार, संचार और सामाजिक कौशल प्रभावित हो सकते हैं।

हवा-पानी के जरिए शरीर में करता है प्रवेश
ऑटिज्म के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। मौजूदा समय में रोग के कारण का पता नहीं है। इसकी पहचान करने के लिए एम्स ने भारी धातु (हेवी मेटल) को लेकर शोध किया। इसमें पाया कि रोग होने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भारी धातु की श्रेणी में पारा, कैडमियम, आर्सेनिक, क्रोमियम, थैलियम, सीसा सहित अन्य आते हैं। वायु प्रदूषण सहित दूसरे कारणों से यह हवा पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर रहा है।
जल्द प्रकाशित होगा शोध
एम्स में बाल न्यूरोलॉजी प्रभाग की प्रमुख प्रो. डॉ. शैफाली गुलाटी ने कहा कि शोध में बच्चों में ऑटिज्म रोग होने के पीछे हैवी मेटल एक बड़ा कारण पाया गया है। जल्द ही यह शोध प्रकाशित होगा।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics