पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में राजधानी के व्यापारियों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाकर कड़ा संदेश दिया। इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द देखने को मिला। हिंदू, मुस्लिम, सिख समेत अन्य धर्म के लोगों ने काली पट्टी बांधकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को करीब 900 बाजारों की 8 लाख से अधिक दुकानों पर ताले टंगे दिखे।
श्रद्धांजलि सभाएं, मौन, कैंडल मार्च निकाले
यह आक्रोश केवल दुकानें बंद करने तक सीमित नहीं रहा। कई बाजार के व्यापारियों ने आतंकवादी कृत्य को अस्वीकार करते हुए सरकार को निर्णायक कार्रवाई करने का संदेश भी देने के लिए कैंडल मार्च निकाला। कई बाजारों में व्यापारियों ने श्रद्धांजलि सभाएं, मौन मार्च, कैंडल मार्च निकाले और राष्ट्रगान के माध्यम से इस हमले में हताहत लोगों को नमन किया।
राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, मरने वालों को श्रद्धांजलि
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला। नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो के नारे के साथ यह मार्च 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होकर महात्मा गांधी स्मृति (30 जनवरी मार्ग) तक पहुंचा, जहां शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
मार्च में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन, महासचिव केसी वेनुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव, एआईसीसी प्रभारी काजी निजामुद्दीन, पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ, संदीप दीक्षित और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। देवेंद्र यादव ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पहलगाम का कायराना हमला देश को धर्म के नाम पर बांटने की साजिश था, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था विफल रही। जब पता था कि हजारों पर्यटक कश्मीर जा रहे हैं, तो इंटेलिजेंस और सुरक्षा बलों की चूक कैसे हुई, इसकी जिम्मेदारी किसने ली। उन्होंने मांग की कि इस हमले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
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