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Delhi : सेना के जवान ने कार से बाइक सवार चार युवकों को मारी टक्कर, दुर्घटना में दो की मौत; एक की हालत गंभीर

चारों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को डीडीयू अस्पताल ले जाया गया, जहां एक को मृत घोषित कर दिया गया जबकि दूसरे ने कुछ ही देर बाद उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

सेना में नायक के पद पर तैनात जवान ने अपनी कार से बाइक सवार चार लड़कों को टक्कर मार दी। इसमें चारों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को डीडीयू अस्पताल ले जाया गया, जहां एक को मृत घोषित कर दिया गया जबकि दूसरे ने कुछ ही देर बाद उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

हादसे में घायल एक की हालत नाजुक बनी हुई जबकि दूसरे युवक को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मृतकों की शिनाख्त धोबी घाट किर्बी प्लेस निवासी मंगल (19) और विकास (20) के रूप में हुई है।

पुलिस ने लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज कर आरोपी कार चालक राकेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसकी कार और युवकों की बाइक को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि चारों युवक एक ही बाइक से मौज-मस्ती करने निकले थे।

जैसे ही वे लोग राधे-कृष्णा, खाटू श्याम मंदिर के पास पहुंंचे तो सामने से आ रही आंध्र प्रदेश नंबर की आई-10 कार ने इनको जोरदार टक्कर मार दी। उस समय किसी भी युवक ने हेलमेट नहीं लगाया हुआ था। हादसे के बाद एंबुलेंस से इनको अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में राजा को छुट्टी मिल गई जबकि साहिल का इलाज जारी है।

दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि हादसा तीन मई की रात 12.25 बजे हुआ। किर्बी प्लेस, धोबी घाट पर रहने वाले लड़के परिवार को बिना बताए स्प्लेंडर बाइक पर मौज-मस्ती करने निकले थे। इस बीच उनकी बाइक को कार ने टक्कर मार दी। घायलों को पहले डीडीए अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनको सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया।

हेलमेट लगाया होता तो बच सकती थी जान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यदि युवकों ने हेलमेट लगाया हुआ तो शायद उनकी जान बच सकती थी। मरने वाले दोनों लड़कों के सिरों में गंभीर चोट थी जो उनकी मौत की वजह बनी।

तमाशबीन रही भीड़, समय पर नहीं मिला इलाज
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी मिलिंद शर्मा ने बताया कि कार ने बाइक को टक्कर मारी। इसके बाद चारों लड़के सड़क पर इधर-उधर गिरकर अचेत हो गए। कार चालक भी कहीं नहीं भागा। इस बीच लोगों की भीड़ जुट गई। कोई मदद के लिए नहीं आया।

मिलिंद ने देखा कि एक लड़के की सांसें थम चुकी थीं। बाकी तीन भी अचेत थे। उसने किसी तरह एंबुलेंस को कॉल कर अस्पताल भेजा। समय से इलाज मिलता तो शायद दो में से एक की जान बच सकती थी।

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