उच्च न्यायालय ने कहा कि कोई स्कूल किसी बच्चे को स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) देने से सिर्फ इसलिए इन्कार नहीं कर सकता, क्योंकि माता-पिता के बीच वैवाहिक या संरक्षकता संबंधी विवाद चल रहा है। अदालत ने कहा कि स्कूल किसी बच्चे को दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाने से इन्कार नहीं कर सकता। ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने में देरी की स्थिति में स्कूल के हेडमास्टर या इंचार्ज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि वैवाहिक या अभिभावक विवाद में बच्चे का हित सबसे महत्वपूर्ण होता है।
अदालत एक नाबालिग की तरफ से अपनी मां के माध्यम से दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और मोंटफोर्ट स्कूल को उसे स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। पिछले साल अप्रैल में अपने पिता से अलग होने के बाद बच्ची अपनी मां के साथ रह रही थी। अलग होने के बाद वे गुरुग्राम में रहने लगे और बच्ची का दाखिला दूसरे स्कूल में करा दिया गया।
नाबालिग का मामला यह था कि मोंटफोर्ट स्कूल ने उसे स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करने से इस कारण मना कर दिया था कि उसके पिता ने प्रमाणपत्र जारी न करने के लिए स्कूल को पत्र लिखा था।
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