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भारत-पाकिस्तान तनाव : सायरन, सिविल डिफेंस और कंट्रोल रूम के साथ राजधानी तैयार, भीड़ वाली जगहों पर बढ़ी निगरानी

नारी के अतिरेक सौंदर्य को प्रकट करते है प्रियंका शर्मा के चित्र

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण दिल्ली में हाई अलर्ट है। प्रशासन ने आपातकाल के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऊंची इमारतों पर हवाई हमले के सायरन लगाए जा रहे हैं। सिविल डिफेंस कर्मियों की तैनाती, कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। शुक्रवार को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई।

सरकारी भवनों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पुलिस ने बाजारों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों में निगरानी बढ़ा दी है।राजस्व विभाग ने बताया कि दिल्ली भर में सायरन लगाए जा रहे हैं। आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी की बहुमंजिला इमारत पर एक सायरन का परीक्षण किया गया। दिल्ली के सभी 11 राजस्व जिलों में 10 सायरन तत्काल स्थापित किए जा रहे हैं। ये सायरन 10-15 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देंगे।

पीडब्ल्यूडी मुख्यालय पर हुआ हवाई हमले के सायरन का परीक्षण

आपात स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय पर हवाई हमले के सायरन का परीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की मौजूद में सायरन का परीक्षण हुआ। उन्होंने कहा कि अगले 1-2 दिनों में दिल्ली की ऐसी ऊंची इमारतों पर 40-50 सायरन स्थापित किए जाएंगे। इसका नियंत्रण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास होगा। यह तैयारी सीमा पर तनाव और भारतीय सेना की पाकिस्तानी ड्रोन हमलों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर की जा रही है।

 

मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली सरकार आपातकाल के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में सायरन लगाने का काम शुरू हो गया है। अगले 1-2 दिनों में 40-50 सायरन ऊंची इमारतों पर स्थापित कर दिए जाएंगे। इन सायरनों की रेंज 8 किलोमीटर है और इन्हें एक केंद्रीय कमांड सेंटर से नियंत्रित किया जाएगा। आपात स्थिति में ये सायरन 5 मिनट तक बजेंगे। पीडब्ल्यूडी भवन एक ऊंची इमारत होने के कारण यहां सायरन का परीक्षण किया गया।

 

सायरन सुनकर घबराने की जरूरत नहीं

सेंट्रल दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट जी सुधाकर ने कहा कि यह परीक्षण नियमित तैयारियों का हिस्सा है। उन्होंने लोगों से शांत रहने और सायरन सुनकर घबराने की बजाय इसे सामान्य प्रक्रिया समझने की अपील की। जिला प्रशासन ने सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए इस परीक्षण के बारे में व्यापक प्रचार करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति न हो। इसके लिए उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव और दिल्ली पुलिस आयुक्त सहित सभी प्रमुख अधिकारियों को सूचित किया गया है।

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