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रावलपिंडी ने सुनी भारतीय सेना की धमक: रक्षा मंत्री ने बताई ऑपरेशन सिंदूर की हर बात, कैसे घर में घुसकर मारा

Brahmos Missile: लखनऊ में ब्रह्मोस के उत्पादन इकाई का शुभारंभ हुआ। इसके उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से दिल्ली से जुडे़। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस परियोजना का उद्घाटन किया।

यूपी की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। यहां उप्र डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के उत्पादन इकाई का शुभारंभ हुआ।

समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से दिल्ली से जुड़े। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस परियोजना का उद्घाटन किया। यह कदम रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात में सामरिक शक्ति को नई धार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में होगा उपयोग

समारोह में सीएम योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टाइटेनियम एंड सुपर एलॉय मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन किया। यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगा। इनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। साथ ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का भी लोकार्पण हुआ। ये मिसाइलों के परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जानें ब्रह्मोस की खासियत

लखनऊ नोड पर स्थापित ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये से तैयार की गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई थी। इसका निर्माण मात्र साढ़े तीन वर्षों में पूरा हुआ। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है। इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा, और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है। इससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।

 

लखनऊ के लिए देखा मेरा सपना आज पूरा हो रहा है

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का दिन हमारे शहर लखनऊ, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश और हमारे पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज का दिन उस शक्ति की आराधना का दिन है, जो हमारी सेनाओं को संबल प्रदान करती है, जो हमारी सेनाओं में निहित होकर दुश्मन पर कहर बरपाती है। आज का दिन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि मैंने अपने शहर लखनऊ के लिए एक सपना देखा था। कि, मेरा शहर, भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में एक बड़ा योगदान दे। वह सपना अब पूरा हो रहा है।

पोखरण में परमाणु परीक्षण करके दुनिया को भारत की ताकत दिखा

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन इसलिए भी महत्त्व रखता है, क्योंकि आज का दिन बड़ा खास है। आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। आज ही के दिन 1998 में अटल विहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करके दुनिया को भारत की ताकत दिखाई थी। वह परीक्षण हमारे वैज्ञानिक, इंजीनियर्स, रक्षा कार्मिक और कई अन्य हितधारकों के अथक प्रयासों का परिणाम था।

ऑपरेशन सिंदूर के बारे में रक्षामंत्री ने दी जानकारी

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी। बल्कि, आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक थी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने उन आतंकवादियों को सजा दी, जिन्होंने कई परिवारों के सिंदूर को मिटा दिया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई।

सेना ने आतंकी ढांचा ढहाने के उद्देश्य से लॉन्च किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचा ढहाने के उद्देश्य से लॉन्च किया था। हमने उनके आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया था। लेकिन, पाकिस्तान ने न केवल भारत के नागरिक इलाकों को निशाना बनाया, बल्कि मंदिर, गुरुद्वारा और गिरिजाघर पर भी हमले करने का प्रयास किया।

आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार से उस पार तक कार्रवाई करेगा भारत

भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ संयम का भी परिचय देते हुए पाकिस्तान के अनेक सैन्य ठिकानों पर प्रहार करके करारा जवाब दिया है। हमने केवल सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर ही नहीं कार्रवाई की, बल्कि भारत की सेनाओं की धमक उस रावलपिंडी तक सुनी गई, जहां पाकिस्तानी फौज का हेडक्वार्टर मौजूद है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार दोनों तरफ प्रभावी कारवाई करेगा।

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