दक्षिण पश्चिम जिले के किशनगढ़ थाने से करीब ढाई करोड़ रुपये की हेरोइन रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। किशनगढ़ थानाध्यक्ष श्रीनिवास राजोरा को लाइन हाजिर कर जिला उयायुक्त कार्यालय भेज दिया गया है। दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित गोयल ने जांच के आदेश दिए हैं।
जब मामले ने तूल पकड़ा और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो किशनगढ़ थाना पुलिस ने इस ड्रग्स को एक सुनसान जगह से बरामद कर लिया। दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 9-10 जून की रात मुनिरका में रहने वाले नेपाली युवा प्रकाश की हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच थानाध्यक्ष राजोरा ने इंस्पेक्टर जगजीवन राम को सौंपी।
सरकारी गाड़ी भी जब्त
सूत्रों ने दावा किया कि जब्त हेरोइन अचानक गायब हो गई। इस पर जब इंस्पेक्टर जगजीवन ने जांच शुरू की तो थानाध्यक्ष ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बीट स्टाफ ने भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। इंस्पेक्टर ने जानकारी एसीपी सफदरजंग एन्क्लेव को दी। मामला डीसीपी अमित गोयल तक पहुंचा। हालांकि एक दिन बाद हेरोइन बरामद हो गई। जांच के बाद थानाध्यक्ष राजौरा को लाइन हाजिर कर दिया गया। उनकी सरकारी गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है।
मादक पदार्थों की सप्लाई करता था प्रकाश…
पुलिस के अनुसार, प्रकाश मादक पदार्थों की सप्लाई कर रहा था। वह दिल्ली से बंगलूरू मादक पदार्थ खासकर हेरोइन ले जाता था। पुलिस को उसके कमरे से बंगलूरू का हवाई टिकट मिला है। वह लगातार बंगलूरू जाता रहता था।
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