यमुनापार के विवेक विहार रेलवे स्टेशन की अनदेखी इस कदर हो रही है कि प्लेटफार्म से लेकर परिसर तक बड़ी-बड़ी घास, कांटेदार पौधे और खरपतवार उग आई हैं। इस वजह से यात्रियों को प्लेटफॉर्म खोजने में परेशानी होती है।
यहां से गाजियाबाद, कानपुर, मथुरा, ऋषिकेश और अन्य कई मार्गों के लिए 40 ट्रेनें रुकती हैं। उमस भरी गर्मी से निपटने के लिए महज दो पंखे लगे हैं। शौचालय इस कदर गंदे हैं कि उबकाई आ जाए। हजारों यात्री यहां से आवागमन करते हैं। इसके बावजूद स्टेशन पर विभाग की नजर-ए-इनायत का इंतजार है।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
स्टेशन परिसर में लगीं स्ट्रीट लाईटें टूटीं हैं। रात के अंधेरे में नशेड़ियों की संख्या और अधिक बढ़ जाती है। स्टेशन परिसर में एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए फुटओवर ब्रिज है लेकिन यात्री शॉर्टकट मारकर सीधे रेलवे ट्रैक पर कूदकर दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाते हैं। साथ ही मुसाफिरों के बैठने के लिए लगाई गई सीमेंट और लोहे की कई बेंच भी टूटी हुई पड़ी हैं।
घर से पानी लाइए या खरीदकर पीजिए
प्लेटफार्म पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। यात्री घर से पानी लेकर आए या इस भीषण गर्मी में खरीदकर पीए। अनाउंसमेंट मशीन खराब होने से स्टेशन परिसर में अनाउंसमेंट तक नहीं होती है। परेशान यात्री बार-बार पूछताछ खिड़की या फिर प्लेटफार्म पर खड़े होकर ट्रेन देखते हैं। सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से चोरी और झपटमारी की वारदात आम हैं।
क्या बोले यात्री
प्लेटफार्म पर साफ-सफाई के इंतजाम नहीं है, जिस वजह से यहां कभी-कभी सांप भी आ जाते हैं। – चंद्रजीत, यात्री
प्लेटफार्म पर पीने के पानी का इंतजाम नहीं है, जिस वजह से घर से पानी लेकर आना पड़ता है। – आसू अली, यात्री
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