मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है। अब राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मंथन चल रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं था और ना हूं। सीएम शिवराज ने कहा कि मैं एक कार्यकर्ता हूं। इस नाते से बीजेपी मुझे जो भी काम देगी, मैं वह काम बहुत ईमानदारी से करूंगा।
एमपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 230 सीटों में से 163 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर सीमित हो गई। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में सीएम शिवराज ने कहा, ”मोदी जी हमारे नेता हैं। उनके साथ काम करना सौभाग्य की बात है।बहुत सौभाग्य की बात है कि मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं। मैं जनता का हृदय से अभारी हूं। मुझमें जितना सामर्थ था, उतना मैंने काम किया।”
बता दें कि इस चुनाव में सीएम शिवराज बीजेपी की जीत के नायक बनकर उभरे हैं। 64 साल के शिवराज ने राज्य में सत्ता विरोधी लहर को मात देकर एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की है। बीजेपी की इस जीत के पीछे सबसे ज्यादा चर्चा ‘लाडली बहना’ जैसी योजना की है, जिसे गेम चेंजर माना जाता है। हालांकि पार्टी ने चुनाव से पहले उनको मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया था।
किसान परिवार में पैदा हुए शिवराज सिंह चौहान ने सबसे लंबे समय यानी 16 साल 9 महीने तक लगातार मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर रहने का इतिहास रचा है। वह चार बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं और अब फिर से एक बार वह राज्य की कमान संभाल सकते हैं। सीएम दावेदारों की सूची में शिवराज का नाम टॉप पर है।
शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 को पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी ने साल 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इसके बाद साल 2018 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें सीएम पद के लिए चुना, लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
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