header advertisement

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025… फिर से चलेगी झाड़ू, क्या खिलेगा कमल या हाथ कर देगा साफ़?

 

दीपक शर्मा

नई दिल्ली। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा दिया है। आप ने अब अपना स्टाइल बदल दिया है? पार्टी दलबदलुओं पर भरोसा कर रही? दिल्ली का चुनावी माहौल इसी को लेकर गर्म है क्योंकि आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की है। ये चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने वाले हैं। पहली लिस्ट में आप ने 11 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इसमें से 6 नेता ऐसे हैं जो दूसरी पार्टियों से आप में शामिल हुए हैं। तीन नेता बीजेपी से और तीन नेता कांग्रेस से आप में शामिल हुए। इसके बाद ही बीजेपी और आप के बीच खींचतान और जुबानी जंग तेज हो गई है। दिल्ली चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने स्थानीय नेताओं को अलग-अलग मोर्चे पर जिम्मेदारी देना शुरू कर दिया है। उधर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल खुद मैदान में हैं। वह दिल्ली की हर गली और कॉलोनी का दौरा कर जनता से मुलाकात कर रहे हैं।

वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपना निर्वाचन क्षेत्र बदलने पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि वह जंगपुरा निर्वाचन क्षेत्र से 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से पता चला है कि सिसोदिया एक सुरक्षित सीट की तलाश में हैं क्योंकि पार्टी पटपड़गंज में उनके घटते जनाधार को लेकर चिंतित है। जबकि आप के वरिष्ठ नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र बदलने पर विचार करने का फैसला पार्टी की मतदाताओं पर कमजोर पड़ती पकड़ का परिचायक है।

विपक्षी दलों से आये नेताओं को तरजीह देकर केजरीवाल ने यह मैसेज देने की कोशिश की है कि यदि दूसरे दलों से नेता आप में आते हैं तो पार्टी उन्हें हाथों हाथ लेगी। केजरीवाल के इस दांव से बीजेपी और कांग्रेस दोनों को अपने रणनीतिक प्लान में बदलाव करना पड़ेगा। हलांकि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को विवादित ‘शीश महल’ घोटाले को लेकर ये हंगामा तेज करती दिख रही है। दिल्ली में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘शीश महल’ विवाद को लेकर आप सुप्रीमो के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया।

इस बीच एक बड़ा सवाल दिल्लीवासियों के ज़ेहन में उठ रहा है कि, दिल्ली चुनाव में बीजेपी और आप की जंग के बीच कांग्रेस कहां खड़ी है? दरअसल कांग्रेस ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 ‘आप’ के साथ गठबंधन में लड़ा था, जो पूरी तरह फ्लॉप रहा। दिल्ली के लोगों के बीच और सियासी गलियारों में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है, क्या कांग्रेस विधानसभा चुनाव भी आप के साथ गठबंधन में लड़ेगी?

हालांकि कांग्रेस की ओर से संकेत मिले हैं कि वह दिल्ली चुनाव के रण में अकेले ही उतरने वाली है। आप के साथ कांग्रेस का गठबंधन होना मुश्किल है। दरअसल दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने पिछले कुछ दिनों से आप और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आवाज बुलंद कर रखी है।

आप के मंत्री कैलाश गहलोत ने भी पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। वहीं कांग्रेस के कई स्थानीय नेता आप में शामिल हो चुके हैं। इस बात को लेकर भी उनके प्रति कांग्रेस में खासा रोष है।

दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में न्याय यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा के तहत दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी के नेता लोगों से मुखातिब होंगे और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को कांग्रेस के पक्ष में करने का प्रयास करेंगे, ताकि आगामी चुनाव में कांग्रेस का झंडा बुलंद हो सके। हालांकि इस यात्रा को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं में कोई खास दिलचस्पी अभी तक नहीं देखी गई है। दिल्ली को लेकर राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य बड़े नेता अभी तक मूकदर्शक बने बैठे हैं।

हालांकि कांग्रेस के कुछ प्रदेश नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली शराब घोटाला और दिल्ली की बदहाली को लेकर अटैक करना शुरू कर दिया है। लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली की जनता को अपना रुख समझाना होगा। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता केजरीवाल के बचाव में बयान दे रहे थे। वही नेता अब केजरीवाल पर हमलावर हैं। दिल्ली की जनता भी कांग्रेस के रवैये को लेकर असमंजस की स्थिति में है। तो बीजेपी उन मुद्दों को लेकर जिनके कारण आप पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता में है, उनको अपने घोषणापत्र में शामिल कर दिल्लीवालों को मुफ्त सेवाओं को उपलब्ध करवाने के वायदे कर सकती है। तो कांग्रेस भी कुछ वैसा ही करती दिखे तो कोई अचरज नहीं होगा।

तभी सवाल है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में फिर से आप की चलेगी झाड़ू, क्या बीजेपी का कमल खिलेगा अथवा कांग्रेस का हाथ कर देगा सबकुछ साफ़ साफ़?

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics