डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने वित्त वर्ष 2024-25 में मालगाड़ी संचालन में 48 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। निगम ने बताया कि इस दौरान करीब एक टन माल को कुल 1.15 करोड़ किलोमीटर की दूरी तक पहुंचाया गया।
रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और चेयरमैन सतीश कुमार ने शुक्रवार को भारत मंडपम में आयोजित डीएफसीसीआईएल के 20वें स्थापना दिवस समारोह में यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में डीएफसीसीआईएल ने औसतन प्रतिदिन 381 मालगाड़ियां चलाईं। कंपनी ने कहा कि भारत की कुल लॉजिस्टिक्स लागत लगभग 24 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें डीएफसीसीआईएल के परिचालन ने लागत को जीडीपी के 14% से घटाकर लगभग 8-9% तक लाने में अहम योगदान दिया है।
समीक्षा अवधि के दौरान कुल 1,39,302 ट्रेनों का सफल संचालन हुआ। इस दौरान ग्रॉस टन किलोमीटर (GTKM) 20,02,271 मिलियन और नेट टन किलोमीटर (NTKM) 11,49,79 मिलियन तक पहुंच गया। संस्थान ने बताया कि इस साल “रुद्रा” नाम की देश की सबसे लंबी मालगाड़ी 4.5 किलोमीटर लंबी, 354 वैगन और सात इंजन वाली को सफलतापूर्वक चलाकर नया इतिहास रचा गया।
डीएफसीसीआईएल ने गतिक शक्ति कार्गो टर्मिनल्स (GCTs) और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब्स (MMLHs) के जरिए कनेक्टिविटी को भी मजबूत किया है। मार्च 2025 में गोठांगम GCT का उद्घाटन हुआ, जबकि न्यू दौद खान और न्यू अंकलेश्वर टर्मिनल भी शुरू किए गए।
‘ट्रक ऑन ट्रेन’ और ‘हाई-स्पीड स्मॉल कार्गो सर्विस’ जैसी पहलें रेल परिवहन की दिशा में बड़ा बदलाव ला रही हैं। डीएफसीसीआईएल का कहना है कि इन पहलों से स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ने में मदद मिल रही है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला अधिक कुशल बन रही है और लॉजिस्टिक्स लागत में और कमी आ रही है।

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