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नाबालिग ने रची गजब की साजिश: लड़की बनकर किशोर को फंसाया, अगवा कर मांगे 50 हजार; बस यहीं कर गया एक चूक

पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी ने खुलासा किया कि देवली, खानपुर से 18000 रुपये की डाउन पेमेंट कर स्कूटी खरीदी थी। शेष भुगतान करने के लिए उसने इंस्टाग्राम पर एक लड़की की फर्जी आईडी बनाने का फैसला किया। फिर किसी को अगवा कर पैसे हड़पने की साजिश रची।

संगम विहार में रहने वाले एक नाबालिग ने रोजगार के लिए स्कूटी खरीदी, लेकिन उसकी किश्त निकालने के लिए गलत रास्ता अपनाया। नाबालिग ने इंस्टाग्राम पर लड़की की फर्जी प्रोफाइल बनाकर एक किशोर से दोस्ती की। इसके बाद उसे साकेत मेट्रो स्टेशन मिलने बुलाया। यहां से आरोपी व उसके दो नाबालिग दोस्तों ने किशोर का अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद उसके भाई से 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी। महरौली थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़कर किशोर को सकुशल मुक्त करा लिया है।

व्हाट्सएप कॉल पर मांगी फिरौती
दक्षिण जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अचिन गर्ग ने बताया कि महरौली थाना पुलिस को 12 मार्च को 5.45 बजे फिरौती के लिए अपहरण के संबंध में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई। पुलिस को मौके पर मिले संगम विहार निवासी युवक ने बताया कि दोपहर लगभग 1 बजे उसका 17 वर्षीय चचेरा भाई एक मित्र के साथ इंस्टाग्राम के माध्यम से संपर्क किए गए एक परिचित से मिलने साकेत मेट्रो स्टेशन गया था। जब वह प्रतीक्षा कर रहे थे, तभी तीन अज्ञात युवक उसे जबरन स्कूटी पर ले गए। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से 50,000 की फिरौती की मांग की गई। मामला दर्ज कर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह व एटीओ/महरौली इंस्पेक्टर अनुराग सिंह व एसआई नरेंद्र की टीम ने जांच शुरू की।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
पुलिस टीम ने साकेत मेट्रो स्टेशन के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। उस इंस्टाग्राम आईडी की जांच की, जिससे पीडि़त को फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी। फिरौती की रकम व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए स्कैनर के जरिए मांगी जा रही थी, जो आंध्र प्रदेश के एक बैंक खाते से जुड़ा पाया गया। आखिरकार आरोपी की लोकेशन संगम विहार में मिली। पता लगा कि आरोपी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। पुलिस ने तीनों को करणी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलकाबाद के पास से पकड़ लिया। उनकी निशानदेही पर अपराध में प्रयुक्त स्कूटी और मोबाइल बरामद किया गया। 18000 रुपये की पेमेंट की थी।

गूगल ट्रांसलेट का करता था इस्तेमाल
दिलचस्प बात यह है कि मुख्य आरोपी पढ़ना-लिखना नहीं जानता है तथा पीड़ित से चैट के दौरान सुनने और टाइप करने के लिए गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करता था। इसके लिए उसने अपने दोस्तों को भी शामिल किया। घटना वाले दिन उसने पीड़ित को फोन किया तथा पीड़ित के फोन से उसके माता-पिता को फिरौती के लिए कॉल की।

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