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Indian Railways : कई योजनाएं नहीं चढ़ सकीं परवान, कई स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने के दावे अब तक अधूरे

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने का खाका कई बार तैयार हुआ लेकिन अभी भी यह योजना ही है। इसी तरह बिजवासन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार स्टेशन और सफदरजंग स्टेशन की योजना भी परवान नहीं चढ़ पाई है।

देश की राजधानी में रेलवे के कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो वर्षो से परवान नहीं चढ़ पाए। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने का खाका कई बार तैयार हुआ लेकिन अभी भी यह योजना ही है।

इसी तरह बिजवासन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार स्टेशन और सफदरजंग स्टेशन की योजना भी परवान नहीं चढ़ पाई है। उधर, मानसून दस्तक देने वाला है, लेकिन यमुना पर बनने वाला रेलवे ब्रिज अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। इस साल भी यमुना में जल स्तर बढ़ता है तो यातायात व्यवस्था बाधित होना तय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के विश्व स्तरीय सुविधा से लैस 103 स्टेशनों की सौगात 22 मई को देंगे। बीकानेर, नासिक, हुगली, वडोदरा, भोपाल समेत कई स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत यात्रियों के बेहतर आवागमन के लिए तैयार किया गया है। दिल्ली की योजनाएं ही उलझ कर रह गई है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने के लिए कई मॉडल पेश किया गया। लगातार निविदा भी जारी की गई।

बावजूद यह स्टेशन विश्व स्तरीय नहीं बन सका और रेलवे यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा नहीं मिल पाई है। इसी तरह रेलवे की योजना है कि पश्चिम दिशा में जाने वाली सभी ट्रेनों को बिजवासन और पूर्व दिशा में जाने वाली ट्रेनों को आनंद विहार से संचालित किया जाए।

पिछले 10 साल से भी अधिक समय बीतने के बावजूद उद्घाटन का समय तय नहीं हुआ है। बिजवासन स्टेशन और आनंद विहार स्टेशन से ज्यादा से ज्यादा ट्रेन संचालित करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ज्यादा ट्रेनों के संचालन करने का दबाव कम होगा।

एक दशक से भी अधिक समय से यमुना पर नया ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस ब्रिज की आवश्यकता इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पुराने लोहे का पुल 150 से अधिक का हो गया है।

मानसून के दौरान जब भी यमुना में जलस्तर बढ़ता है तो किसी तरह की दुर्घटना न हो इसलिए ट्रेनों का आवागमन बंद कर दिया जाता है। ऐसे में ट्रेन परिवर्तित रूट से चलती है, जिसके कारण यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।

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