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नीतीश ने तेजस्वी को मिलने के लिया बुलाया, आधे घंटे तक चली दोनों की मुलाकात-सूत्र

पटना। बिहार की सियासत में हलचल उस समय तेज हो गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मिलने के लिए बुलाया। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में कैबिनेट विस्तार, सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की खबर है।

 

बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में उन्हें ज्यादा प्राथमिकता ना मिलने से वह नाराज चल रहे हैं। वहीं इसी बीच गुरुवार 21 दिसंबर को कांग्रेस राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पिछली बैठक के दौरान हुए चर्चा और फैसले और उन्हें अमल में लाए जाने को लेकर बातचीत हुई है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी और जल्द ही सीट शेयरिंग और साझा कार्यक्रम पर फैसले लिए जाएंगे। राहुल गांधी से बात होने के बाद नीतीश ने तेजस्वी को मिलने के लिए बुलाया।

 

इससे पहले इंडिया अलायंस की बैठक से पूर्व  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका सौंपने की मांग वाले पोस्टर  राजधानी पटना के कई हिस्सों में लगाए गए था। इन पोस्टर के बारे में कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से त्वरित स्पष्टीकरण आया कि उसका इन पोस्टर से कोई लेना-देना नहीं है। जदयू के सर्वोच्च नेता कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, उनका एकमात्र उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को मजबूत करना है । बिहार में जदयू के साथ महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राथमिक लक्ष्य लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना है और अगर इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री को शीर्ष पद मिलता है, तो यह “बिहार के लिए गर्व की बात” होगी।

 

वहीं सूत्रों के मुताबिक इंडिया अलायंस की बैठक में टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम के चेहरे के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे किया है। उनके इस प्रस्ताव पर इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने तो सहमति जताई, लेकिन कई इसके खिलाफ बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता दीदी के इस प्रस्ताव से सबसे ज्यादा परेशानी लालू यादव और नीतीश कुमार को हुई। बताया जा रहा है कि ममता के इस प्रस्ताव से दोनों नाराज़ हैं। यही वजह है कि अब तक ना तो लालू यादव कुछ बोले और ना ही नीतीश कुमार का कोई बयान आया। वहीं पीएम फेस को लेकर ममता दीदी का स्टैंड लाउड एंड क्लीयर है।

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