श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शनिवार को जम्मू कश्मीर से संबधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह (Amit Shah) से एलओसी के दोनों तरफ स्थित जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने का आग्रह किया।
पीडीपी के 25वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि एलओसी के पार स्थित गुलाम जम्मू-कश्मीर और जम्मू-कश्मीर, दोनों ही एक ही राज्य हैं। एलओसी के आर-पार जम्मू कश्मीर के कई परिवार बसे हुए हैं। हमारा आग्रह है कि केंद्रीय गृहमंत्री दोनों तरफ से 20-20 प्रतिनिधियों पर आधारित एक समिति बनाएं जो जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर काम करे।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि वह गुलाम जम्मू कश्मीर को वापस लेंगे, हालांकि भाजपा वाले अक्सर कहते हैं कि मुसलमानों को पाकिस्तान चला जाना चाहिए।
मुद्दों के समाधान के लिए रोडमैप जरूरी: महबूबा
खैर, जब तक आप उस गुलाम जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान से नहीं मुक्त कराते, तब तक आप उस कश्मीर और इस कश्मीर के प्रतिनिधियों की एक समिति ही बना दो ताकि हम लोग साल में कम से कम दो बार आपस में कहीं मिल बैठकर अपने मुद्दों के समाधान के लिए विचार विमर्श कर सकें, उनके हल के लिए कोई रोडमैप बना सकें।
महबूबा ने केंद्रीय गृहमंत्री से कहा कि वह इस राष्ट्र की खातिर अपने अहम को त्यागे और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चलते हुए एलओसी के आर-पार बसे जम्मू कश्मीर के नागरिकों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक-संपर्क और संवाद की प्रक्रिया बहाल कराएं।
महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि अमित शाह साहब क्या आप में हिम्मत है? आप आए दिन कहते रहते हैं कि आप एलओसी के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को वापस लेने का दावा करते फिरते हैं।
वह कश्मीर तो दूर की कौढ़ी है, आप कम से कम उस कश्मीर के और इस कश्मीर के 20-20 प्रतिनिधियों का एक समूह बनाएं हमें हमें आपस में मिल बैठ बातचीत करने दें। क्या आप ऐसा करोगे? क्या आपमें ऐसा करने की हिम्मत है? क्या आपके भीतर अटल बिहारी वाजपेयी के समान राष्ट्रभक्ति राष्ट्रप्रेम है जो आप अपने अहं को एक तरफ छोड़ जम्मू कश्मीर की बेहतरी के लिए काम करेंगे। महबूबा मुफ्ती ने इस अवसर पर देश की विभिन्न जेलों में बंद कश्मीरी नौजवानों की रिहाई की मांग पर भी जोर दिया।
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