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Smuggling: दिल्ली से चीन भेजी जा रही लाल चंदन की 10 टन सिल्लियां पकड़ीं, दो गिरफ्तार; माल की कीमत करीब 6 करोड़

आरोपियों के तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हैं। आरोपियों के कब्जे से जब्त की गई लकड़ियों की कीमत करीब छह करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार चंदन की ये लकड़ियां चीन व अन्य देशों में भेजी जानी थी।

दक्षिण-पूर्व जिले की एसटीएफ ने 10 टन लाल चंदन की लकड़ी जब्त कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हैं। आरोपियों के कब्जे से जब्त की गई लकड़ियों की कीमत करीब छह करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार चंदन की ये लकड़ियां चीन व अन्य देशों में भेजी जानी थी।

दक्षिण-पूर्व पुलिस उपायुक्त डाॅ. हेमंत तिवारी ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि चंदन की लकड़ी आंध्र प्रदेश के तिरुपति से तस्करी कर चीन और अन्य दक्षिण एशियाई देशों को भेजने के लिए लाई गई थी। बताया कि यह अभियान अगस्त में तिरुपति से चुराई गई लाल चंदन की लकडिय़ों के बारे में आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था। डाॅ. तिवारी ने बताया कि चोरी के संबंध में तिरुपति में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के दौरान आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी की गई लकडिय़ां दिल्ली ले जाई गई हैं।

इस पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आंध्र प्रदेश खुफिया इकाई की टीम ने सोमवार को तुगलकाबाद स्थित एक गोदाम पर छापा मारा। इस दौरान करीब 9,500 किलोग्राम लाल चंदन की लकडिय़ां बरामद की गईं और दो लोगों हैदराबाद के इरफान और मुंबई के ठाणे के अमित संपत पवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अगस्त के पहले हफ्ते में आंध्र प्रदेश से लाल चंदन की लकडिय़ां हासिल कीं और उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए ट्रकों में छिपा दिया। यह ज़ब्ती दिल्ली में हुई लाल चंदन की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है।

चीन आदि देशों में भेजी जानी थी लकड़ी
आरोपियों ने इस खेप को विदेशी बाजारों विशेष रूप से चीन और दक्षिण एशियाई देशों में भेजने की योजना बनाई थी। वहां लाल चंदन की लकड़ी औषधीय और वाणिज्यिक मूल्य के कारण बहुत ऊंची कीमत पर मिलती है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों ने कबूल किया कि वे आंध्र प्रदेश के वन क्षेत्रों से लाल चंदन की लकड़ियां लाते थे और उन्हें ट्रकों में छिपाकर ले जाते थे। बरामद लकड़ियां एक संगठित तस्करी नेटवर्क के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को भेजी जानी थीं।

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