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सिकंदर सबसे महंगा: दिल्ली में बकरों के खरीदारों से बाजार गुलजार, इस नस्ल की सबसे अधिक कीमत; ऐसे होती है पहचान

Bakra Eid 2025: दिल्ली के बकरा मंडियों में इन दिनों रौनक है। खरीदार आ रहे हैं और जमकर बकरों की बोली लगा रहे हैं। दिल्ली में पंजाब, राजस्थान और यमुना पार की नस्लों के बकरों की सबसे ज्यादा डिमांड हो रही है। सरफराज का बकरा सिकंदर सबसे महंगा बताया जा रहा है।

दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के आसपास इन दिनों अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। पूरा मीना बाजार अभी बकरों के खरीदारों से गुलजार है। वहीं, जालियों में कैद तीन फुट से ज्यादा की ऊंचाई के बकरे ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। बकरीद से पहले यहां बकरों का बाजार सज चुका है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए शानदार नस्लों के बकरे उपलब्ध हैं। इनकी कीमतें 40 हजार से शुरू होकर तीन लाख तक हैं। वहीं सबसे ज्यादा वजन का बकरा लगभग 2 क्विंटल का बताया जा रहा है।

मीना बाजार में सबसे महंगा सिकंदर
हर साल की तरह इस बार भी जामा मस्जिद के आस-पास की गलियां और सड़कोंं पर बकरों का बाजार लग गया है। इस बाजार में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से व्यापारी अपने बेहतरीन बकरे लेकर पहुंचे हैं। विक्रेता सुहेल ने बताया कि पंजाबी बकरा बिट्टल डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख तक का बिक रहा है। विक्रेता ने बताया कि सबसे ज्यादा बकरे राजस्थान से आए हैं। सरफराज का बकरा सिकंदर तीन लाख का बिक रहा है।
इन नस्लों की खरीदारी कर रहे लोग
बाजार में मौजूद बकरों की कई नस्लें देखने को मिल रही हैं जिनमें सिरोही, जमुनापारी, बरबरी, तोतापरी और सबसे खास बिट्टल नस्ल है। बिट्टल नस्ल के बकरे इस बाजार के आकर्षण बन चुके हैं। कहीं-कहीं इस नस्ल को बमडोलिया भी कहते हैं। इनकी कीमत दो लाख से तीन लाख रूपये तक पहुंच रही है। इन बकरों की ऊंचाई, शरीर की चमक, सींगों की बनावट और चाल लोगों को आकर्षित कर रही है।

वहीं पूरे मीना बाजार में सबसे किफायती नस्ल बिहार से आने वाले बरबरी की है, जो कि 10 हजार से शुरू है। तोतापरी नस्ल के बकरे 65 हजार से 75 हजार में बिक रहे हैं। बाकी के राजस्थान की अजमेरा नस्ल, हरियाणा के रोहतक की बड़ौली नस्ल और सोनीपत की जमुनापारी नस्ल 40 हजार से 45 हजार में बिक रहे हैं।

बकरों को दूल्हों सा सजाया
बकरों की सजावट पर खास ध्यान दिया गया है। बकरों को खास और अलग दिखाने के लिए विक्रेताओं ने उन्हें कई रंगों में रंगा है। कई बकरों को रंग-बिरंगे हार, माला और रिबन से सजाया गया है। कुछ बकरों के कानों में टैग लगे हैं जिन पर उनका नाम, नस्ल और वजन लिखा हुआ है।

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