यह हैं प्रमुख परियोजनाएं
-देशबंधु गुप्ता रोड (पहाड़गंज से अजमेरी गेट तक)- 7 किमी
यहां सात प्रमुख सिग्नल और भारी यातायात दबाव के कारण हमेशा जाम लगता है।फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से स्टेशन क्षेत्र और केंद्रीय दिल्ली को बड़ी राहत मिलेगी।
-शादीपुर डिपो क्षेत्र – 4 किमी
इस हिस्से में चार बड़े चौराहे हैं और रोजाना जाम की स्थिति बनती है। फ्लाईओवर बनने से करोलबाग, राजौरी गार्डन और पटेल नगर आने-जाने वालों को सुविधा होगी।
-हिंद विहार, किरणी (रोहतक रेलवे लाइन आरओबी)- 1 किमी
रेलवे लाइन पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) बनने से नांगलोई और रोहिणी का सीधा संपर्क होगा।
-आईटीओ इंटरसेक्शन – 4 किमी
राजधानी का सबसे व्यस्ततम चौराहा, जहां आयकर भवन, पीडब्ल्यूडी मुख्यालय, समेत अन्य कार्यालय स्थित हैं। यहां फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से जाम खत्म होगा।
-नानकसर गुरुद्वारा टी-प्वाइंट से दिल्ली–यूपी बॉर्डर (ट्रॉनिका सिटी)- 6 किमी
यमुना किनारे यह मार्ग पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील है। यहां एलिवेटेड कॉरिडोर का प्रस्ताव है, जिससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली से यूपी जाने वाले वाहनों को सीधा मार्ग मिलेगा।
-नजफगढ़–फिरनी रोड से एनएच-48 और पुरानी दिल्ली- गुरुग्राम रोड – 20 किमी
इस 20 किमी लंबे हिस्से में 15 प्रमुख ट्रैफिक सिग्नल हैं। कॉरिडोर डेवलपमेंट प्लान से नजफगढ़ और द्वारका क्षेत्र में जाम से राहत मिलेगी।
-शिवाजी मार्ग (जाखिरा क्रॉसिंग से करमपुरा फ्लाईओवर तक)- 2.2 किमी
पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर, कीर्ति नगर, पटेल नगर और करमपुरा क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
-आईजीआई एयरपोर्ट (एनएसजी मुख्यालय के पास)- 2 किमी
एयरपोर्ट रोड पर रोजाना घंटों लंबा जाम लगता है। फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
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