नई दिल्ली। अमेरिका की शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर अडाणी ग्रुप को लेकर बड़ा खुलासा किया है। हिंडनबर्ग ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने अडाणी समूह में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत स्विस बैंक खातों में 31 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जब्त कर ली है। हालांकि, अडाणी समूह ने आरोप को आधारहीन बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर स्विट्जरलैंड की मीडिया कंपनी में जारी स्विस आपराधिक रिकॉर्ड’ का हवाला देते हुए कहा कि ‘स्विस अधिकारियों ने अडाणी से संबंधित धनशोधन और प्रतिभूतियों में जालसाजी की जांच के तहत स्विस बैंक खातों में रखे 31 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जब्त कर ली है, यह जांच 2021 में हुई थी।’
हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, “अभियोजकों ने विस्तार से बताया कि कैसे अडाणी के एक प्रमुख व्यक्ति ने अपारदर्शी बीवीआई/मॉरीशस और बरमूडा कोष में निवेश किया। इसमें ज्यादातर अदाणी के शेयर थे।” इस बीच, अडाणी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उसका स्विट्जरलैंड में किसी भी अदालती कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है। समूह ने बयान में कहा, “हम इन निराधार आरोपों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। अदाणी समूह का किसी भी स्विस अदालती कार्यवाही में कोई संबंध नहीं है, न ही हमारी कंपनी के किसी भी खाते को किसी प्राधिकरण ने जब्त किया है।”
बयान के अनुसार, “यहां तक कि कथित आदेश में भी स्विस न्यायालय ने न तो हमारी समूह कंपनियों का उल्लेख किया है, न ही हमें किसी ऐसे प्राधिकरण या नियामक निकाय से स्पष्टीकरण या जानकारी के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है। हम दोहराते हैं कि हमारी विदेशी होल्डिंग संरचना पारदर्शी है तथा उसमें सभी संबंधित कानूनों का अनुपालन किया गया है।”
अदाणी समूह ने कहा, ‘‘आरोप ‘स्पष्ट रूप से निरर्थक, तर्कहीन और बेतुके हैं। हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह हमारे समूह की प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के लिए एकजुट होकर काम करने वाले उन्हीं लोगों द्वारा किया गया एक और सुनियोजित प्रयास है।’’
बयान में कहा गया, “अदाणी समूह पारदर्शिता और सभी कानूनी एवं नियामकीय आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। स्विट्जरलैंड की मीडिया कंपनी ‘गोथम सिटी’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ‘फेडरल क्रिमिनल कोर्ट (एफसीसी) के एक फैसले से पता चलता है कि जिनेवा पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का कार्यालय भारतीय समूह अदाणी की कथित गड़बड़ियों की जांच हिंडनबर्ग रिसर्च के पूर्व में लगाये गये आरोप से काफी पहले से कर रहा था।” इससे पहले, हिंडनबर्ग ने पिछले साल जनवरी में अदाणी समूह पर शेयर बाजार में हेराफेरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाये थे। अदाणी समूह ने जनवरी 2023 में लगाये गये हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को आधारहीन बताते हुए उसे खारिज कर दिया था।
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