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ये कैसा पिछड़ापन: ऑनलाइन डिलीवरी साइट से देश के इस जिले का पिनकोड़ गायब, दिल्ली से है बिल्कुल सटा हुआ

इस्लाम पुत्र ताहिर निवासी पिनगवां ने सीएम विंडो में दी लिखित शिकायत में बताया कि फ्लिपकार्ट, मीशो और एमेजॉन जैसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने लंबे समय से पुन्हाना, पिनगवां, नगीना व फिरोजपुर झिरका के पिनकोड पर होम डिलीवरी की सेवा बंद की हुई है।

दिल्ली के बगल में बसा नूंह जिला दशकों बाद आज भी मूलभूत सुविधाओं के आभाव में पिछड़ा हुआ है। एक ओर जहां शिक्षा, पानी व सड़क पूरी तरह बदहाल है तो वहीं दूसरी ओर प्रसिद्ध बाजार ना होने के कारण लोगों को खरीददारी के लिए दिल्ली, गुरुग्राम व अलवर जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। समय व धन की बचत करने के लिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा लेते हैं लेकिन अब जिले का डिलीवरी पिनकोड बंद होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सीएम विंडो पर की गई शिकायत
इस्लाम पुत्र ताहिर निवासी पिनगवां ने सीएम विंडो में दी लिखित शिकायत में बताया कि फ्लिपकार्ट, मीशो और एमेजॉन जैसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने लंबे समय से पुन्हाना, पिनगवां, नगीना व फिरोजपुर झिरका के पिनकोड पर होम डिलीवरी की सेवा बंद की हुई है। चंद लोगों द्वारा कंपनियों के साथ की गई हेराफेरी के चलते ऐसा किया गया है। जिसके कारण सभी लोगों को भी ऑनलाइन शापिंग करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुंबई व दिल्ली से ऑनलाइन मंगाते हैं जरूरत का सामान
मुंबई की आर्टिफिशियल ज्वेलरी जिले के लोगों को बहुत पसंद है। लेकिन अब ऑनलाइन डिलीवरी बंद होने के चलते मुंबई की आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी लोग नहीं खरीद पा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली से कपड़े व जूते नौजवान ऑनलाइन खरीदकर पहनते थे। अब ज्यादातर ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कम्पनियों ने डिलीवरी सेवा बंद कर दी है।

सामान बदलकर कम्पनियों को लगाते हैं चूना
ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कंपनियों द्वारा डिलीवरी किए गए सामान को लोगों ने बदलकर वापिस करके पैसे लेने का काम शुरू कर दिया था। जिसके कारण कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ा। आखिर में नतीजा ये निकला कि उक्त जिले के पिनकोड पर कंपनियों ने ऑनलाइन साइटों से खरीदे गए सामान को डिलीवर करना ही बंद कर दिया।

डिलीवरी करने वालों ने बताया हेरा-फेरी का तरीका
स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग उक्त कंपनियों में डिलीवरी का काम करते हैं, हेराफेरी का यह रास्ता भी यहां के लोगों को उन्हीं लोगों द्वारा बताया गया था। जो चंद पैसों के लालच में महंगी वस्तु के बदले टूटी फूटी वस्तु भेजकर ग्राहक का पैसा कंपनी से वापिस कराने में मदद करते थे।

कोई बड़ा बाजार नहीं होने के कारण लोग ऑनलाइन खरीददारी कर लेते थे। लेकिन अब कुछ लोगों की वजह से ऑनलाइन डिलीवरी बंद कर दी गई है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पॉलिसी बदलकर कम्पनियों को ऑनलाइन डिलीवरी सेवा शुरू कर देनी चाहिए। -रहीश डूंगेजा, ग्रामीण।

जब भी कोई सामान ऑनलाइन खरीददते हैं तो अपने पिनकोड पर डिलीवरी ऑप्शन बंद रहता है। किसी भी सामान को खरीदने के लिए दूसरी जगह का एड्रेस देना पड़ता है तब डिलीवरी होती है।

अगर कोई सामान वापस करने के नाम पर हेरा-फेरी करता हैं तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर इसी तरह ऑनलाइन डिलीवरी बंद रहेगी तो लोगों को समय और पैसा खर्च कर शहर जाना पड़ेगा। -इनाम चांदडाका, ग्रामीण।

चंद लोगों की वजह से बहुत सारे लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ता हैं। पहले जब भी किसी सामान की ऑनलाइन बुकिंग करते थे तो दूसरे तीसरे दिन डिलीवर हो जाती थी। लेकिन अब डिलीवरी का ऑप्शन ही बंद कर दिया गया हैं। -इस्लाम पिनगवां, ग्रामीण।

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