राष्ट्रीय राजधानी में पुराने वाहनों के मालिक मौजूदा समय अपने वाहन को बचाने के लिए खुद को बेबस पा रहे हैं। इससे निपटने के उपाय खोजने के बजाय राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। ऐसे में लोगों के जेहन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि देश एक लेकिन अन्य राज्यों में वाहन फिटनेस को दिल्ली से इतर नियम कैसे हैं।
-डाॅ. अनिल छिकारा, परिवहन विशेषज्ञ व पूर्व उपायुक्त परिवहन विभाग (दिल्ली सरकार)
केवल व्यावसायिक वाहनों की ही होती है ऑटोमैटिक फिटनेस जांच
राजधानी में मौजूदा समय सिर्फ व्यावसायिक वाहनों का ही ऑटोमेटिक फिटनेस केंद्र में जांच होती है। डाॅ. अनिल छिकारा का कहना है कि निजी वाहनों का दिल्ली में ऑटोमेटिक फिटनेस केंद्र में जांच नहीं होती है। उनका कहना है कि यदि पुराना वाहन अच्छी स्थिति में हैं तो उसकी ऑटोमेटिक फिटनेस केंद्र में जांच हो और जांच रिपोर्ट के आधार पर देश के अन्य शहरों की तरह उम्र बढ़ाने की सुविधा दी जाए।
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