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एनडीएमसी-IIT बॉम्बे की साझेदारी: शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण, बच्चों को देंगे समग्र और तकनीक-संचालित शिक्षा

NDMC Teacher Training: एनडीएमसी ने आईआईटी बॉम्बे के साथ मिलकर शिक्षक क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल से 240 शिक्षक प्रशिक्षण पाएंगे और छात्रों को मूल्य-आधारित, समग्र व तकनीक-संचालित शिक्षा मिलेगी।

NDMC and IIT Bombay Partnership: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक और दूरगामी पहल की है। राजधानी के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा देने के उद्देश्य से एनडीएमसी ने आईआईटी बॉम्बे के शैलेश जे मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के साथ मिलकर शिक्षक क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है।

शिक्षकों की नई भूमिका

यह साझेदारी एनडीएमसी और किसी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के बीच पहला संरचित प्रशिक्षण सहयोग है। एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा ने कहा, यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना के अनुरूप है। शिक्षकों को नई पीढ़ी का मार्गदर्शक बनने में सक्षम बनाएगा। शिक्षक केवल पढ़ाने वाले नहीं रहेंगे, बल्कि वे बच्चों को मूल्य-आधारित, समग्र और तकनीक-संचालित शिक्षा देंगे।

240 शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उभरती शिक्षण पद्धतियां, भारतीय ज्ञान प्रणालियां, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आभासी वास्तविकता जैसे अत्याधुनिक विषयों को शामिल किया गया है। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर भी विशेष फोकस होगा। इस तरह एनडीएमसी ने छात्रों और शिक्षकों के लिए भविष्य का पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने की पहल की है। एनडीएमसी की ओएसडी (शिक्षा) रंजना देशवाल ने बताया, इस चरण में 240 शिक्षक इस प्रशिक्षण से गुजरेंगे।

उन्होंने कहा, ये शिक्षक नई रणनीतियां, तकनीकी समावेशन और सांस्कृतिक मूल्यों से लैस होकर कक्षा को अधिक प्रभावी और प्रेरक बनाएंगे। शिक्षा निदेशक कृतिका चौधरी ने कहा, यह साझेदारी विकसित भारत की दिशा में परिवर्तनकारी कदम है। उनके अनुसार, सशक्त शिक्षक ही शैक्षिक सुधार के असली उत्प्रेरक बनेंगे और छात्रों को समग्र विकास का अनुभव मिलेगा।

 

मील का पत्थर माना जा रहा समझौता

आईआईटी बॉम्बे के साथ यह समझौता राजधानी के शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर माना जा रहा है। इससे न केवल शिक्षकों की भूमिका बदलेगी, बल्कि छात्रों को भी कक्षा में वैश्विक स्तर की तकनीक, भारतीय ज्ञान परंपरा और जीवन मूल्यों का अद्वितीय मिश्रण मिलेगा। वहीं, शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह समग्र व्यक्तित्व निर्माण और भविष्य निर्माण की प्रक्रिया है। राजधानी के 240 शिक्षक जब इस प्रशिक्षण से निकलकर अपनी कक्षाओं में लौटेंगे, तो वह नई दिल्ली के हजारों छात्रों के जीवन को नई दिशा देंगे।

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