header advertisement

आज दिल्ली पर दिन भारी!: घाट डूबे…निचले इलाकों में भरा पानी; खतरे के निशान से इतनी ऊपर यमुना; देखें तस्वीरें

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206.83 मीटर तक पहुंचा, हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ा। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और लोहा पुल पर यातायात बंद कर दिया।

दिल्ली में यमुना नदी के उफान ने एक बार फिर बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। मंगलवार सुबह हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 1.5 से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके आज दिल्ली पहुंचने से हालात और गंभीर हो सकते हैं। आज सुबह 8 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) पर यमुना का जलस्तर 206.83 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, देर रात 11 बजे जलस्तर 206.45 मीटर को पार कर गया था।

दिल्ली से नोएडा तक हजारों लोग प्रभावित
यमुना बाजार, बुराड़ी, एमनेस्टी मार्केट, तिब्बती बाजार, बासुदेव घाट और आईटीओ का छठ घाट जैसे इलाके पानी में डूब गए हैं। यमुना खादर, यमुना वाटिका और आसिता जैसे रिवर फ्रंट पार्क भी जलमग्न हो चुके हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 1,000 अवैध फार्महाउस पानी में डूब गए, जबकि जेवर के हजारों बीघा खेतों की फसलें बर्बाद हो गईं। प्रशासन ने नदी किनारे की झुग्गियों को खाली करवाया और करीब 4,500 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया है। मयूर विहार, गीता कॉलोनी और पल्ला जैसे क्षेत्रों में टेंट लगाकर लोगों को भोजन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
लोहा पुल बंद, ट्रैफिक डायवर्जन
उफनती यमुना के कारण दिल्ली पुलिस ने पुराना लोहा पुल मंगलवार शाम 4 बजे से अगले आदेश तक बंद कर दिया है। ट्रैफिक को हनुमान सेतु, राजा राम कोहली मार्ग और गीता कॉलोनी रोड की ओर डायवर्ट किया गया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और लाल किला से आने वाले वाहनों को बाहरी रिंग रोड लूप से डायवर्ट किया जा रहा है, जबकि शाहदरा, सीलमपुर और शास्त्री पार्क से आने वाले वाहनों को पुश्ता रोड से रिंग रोड की ओर भेजा जा रहा है। पूर्वी दिल्ली से आने वाले वाहनों को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर और शांति वन चौक की ओर डायवर्ट किया गया है।
निचले इलाकों में प्रशासन का अलर्ट
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आपातकालीन बैठक कर दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और केंद्रीय दिल्ली के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। नजफगढ़ बेसिन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, जहां पंप और नौकाएं तैनात की गई हैं। सरकार ने 5,67,200 ईसी बैग, 3,455 घनमीटर पत्थर, 14,370 बल्लियां, 58 नौकाएं और 675 लाइफ जैकेट्स तैयार किए हैं। 82 मोबाइल पंप और 10 स्थायी पंपिंग स्टेशन संवेदनशील इलाकों में लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोगों से घबराने की बजाय सरकार पर भरोसा रखने को कहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन चौबीस घंटे स्थिति पर नजर रख रहा है और हर घंटे जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रही है। यमुना का जलस्तर बढ़ना प्राकृतिक है, लेकिन हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं।

दिल्ली में 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर था। उस समय हथिनीकुंड बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे आईटीओ और निचले इलाकों में भारी बाढ़ आई थी। इस बार भी भारी बारिश और बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।

केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर हथिनीकुंड बैराज से पानी का डिस्चार्ज इसी तरह जारी रहा, तो जलस्तर और बढ़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश की संभावना है, जो स्थिति को और जटिल कर सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

फरीदाबाद का ये गांव डूबा
वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद का बसंतपुर गांव यमुना नदी की चपेट में आ गया है। जलस्तर बढ़ने से मकान डूब गए हैं। स्थानीय लोग घर से बाहर हैं। सुरक्षित स्थान पर तिरपाल लगाकर अपने मवेशियों के साथ बैठकर पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं। यहां हर साल पानी से घर डूब जाते हैं। क्योंकि ये गांव डूब क्षेत्र में आता है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics