अमेरिका से टैरिफ पर तनाव के बीच डॉलर लगातार मजबूती के नए आयाम गढ़ रहा है। आलम यह है कि मौजूदा समय में डॉलर इतना ताकतवर हो चुका है कि दुनिया की हर बड़ी मुद्रा के मुकाबले इसका एक्सचेंज रेट यानी इसकी ‘खरीद की दर’ तेजी से बढ़ी है। रुपया भी इससे अछूता नहीं है। वहीं, रुपये की लगातार गिरावट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा है कि सरकार रुपये की स्थिति पर लगातार और पैनी निगाह जमाए हुए है। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले न सिर्फ रुपया, बल्कि दुनिया की कई मुद्राएं कमजोर हुई हैं। इस दौरान उन्होंने हाल में किए गए जीएसटी सुधारों का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इन सुधारों से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है।
रुपये के वर्तमान हालात क्या?
रुपया वर्तमान ने अपने अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। शुक्रवार को रुपया अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद होकर 88.27 प्रति डॉलर पर आ गया था। दिन में कारोबार के दौरान यह 88.38 तक फिसला था। हालांकि, रिज़र्व बैंक ने सरकारी बैंकों के जरिए दखल देकर और बड़ी गिरावट को रोकने की कोशिश की।
रुपये में गिरावट का क्या है कारण?
रुपये में लगातार हो रही गिरावट का बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को बताया जा रहा है। इनमें भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ प्रमुख हैं।
No Comments: