दिल्ली में बीते कई साल के मुकाबले महिला कामगारों की आबादी में इजाफा हुआ है लेकिन मजदूरी पुरुषों से कम है। दिल्ली सरकार की दिल्ली राज्य फ्रेमवर्क इंडिकेटर रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की श्रम बल भागीदारी बढ़ी है लेकिन उनकी दैनिक मजदूरी पुरुषों से कम बनी हुई है।
मजदूरी के आंकड़े चिंताजनक
गैर-सार्वजनिक कामों में 2017-18 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पुरुषों को 403 रुपये हर दिन और महिलाओं को 300 रुपये मिल रहे थे। 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में पुरुषों को 376 रुपये हर दिन व महिलाओं को 400 हर दिन, 2023-24 में पुरुषों को 556 रुपये हर दिन व महिलाओं को 500 रुपये हर दिन मिल रहे थे। 2023-24 में यह 548 और 500 रुपये मिल रहा था। इसमें दिखता है कि महिलाओं की मजदूरी बढ़ी लेकिन मजदूरी का अंतर 48 से 100 रुपये का बरकरार है।
पेशेवर क्षेत्र में महिलाओं की संख्या घटी
पेशेवर और तकनीकी क्षेत्र में महिला कामगारों की संख्या घटी है। इस क्षेत्र में 2020-21 में महिलाओं का अनुपात 28.5 फीसदी था, जोकि 2022-23 में 21.3 फीसदी रह गया है। रिपोर्ट में महिलाओं के आर्थिक संसाधनों में हिस्सेदारी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें जमीन, संपत्ति, बैंक सेवाएं, उत्तराधिकार और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण को शामिल किया है। लेकिन इसमें ये भी कहा गया है कि महिला कामगारों के लिए दिल्ली सरकार कानूनों में सुधार कर रही है।
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