राजस्थान सब-इंस्पेक्टर (एसआई) पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय होने तक किसी भी चयनित एसआई को ट्रेनिंग देने पर रोक भी लगा दी है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर को एसआई भर्ती परीक्षा रद्द किए जाने के हाईकोर्ट सिंगल बैंच के निर्णय पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के विरोध में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनमोहन शामिल थे, ने आज राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा 8 सितंबर 2025 को दिए गए अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी।
मूल याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव शकधर पेश हुए, जबकि चयनित अभ्यर्थियों की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि चूंकि पूरी एसआई भर्ती परीक्षा प्रक्रिया पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोपों के चलते संदेह के घेरे में है, इसलिए हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय तक किसी भी प्रकार की आगे की कार्रवाई, जिसमें ट्रेनिंग भी शामिल है, नहीं की जाएगी।
हनुमान बेनीवाल ने भजनलाल सरकार पर उठाए सवाल
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आज S.I. भर्ती 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा रद्द करने के दिए गए फैसले को बरकरार रखा है और हाईकोर्ट के डिविजन बैंच के फैसले पर रोक लगाई है |
जब माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने इस भर्ती को रद्द करने का फैसला दिया तब प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @BhajanlalBjp ने भी इस भर्ती को रद्द करने का क्रेडिट लिया और सार्वजनिक रूप से यह कहा कि उनके द्वारा गठित जांच एजेंसी के परिणामस्वरूप ही यह भर्ती रद्द हुई। वहीं, दूसरी तरफ माननीय सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री जी के वक्तव्य के विपरीत दलील दी जो सरकार के दोगले रवैया को उजागार करती है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सदैव राजस्थान के मेहनतकश युवाओं के हितों की लड़ाई लड़ेगी।
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