पूर्वी दिल्ली की रामलीला में उस वक्त मायूसी छा गई, जब बारिश ने रावण दहन में खलल डाल दी और उत्सव का मजा किरकिरा कर दिया। लोग रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को जलते हुए देखने के लिए इकट्ठा हुए थे और इंतजार कर रहे थे। इससे पहले कि उनके पुतलों को जलाया जाता वह बारिश में भीग कर गल गए। ऐसे में पुतलों कों बड़ी मुश्किल से जलाया गया।
पूर्वी दिल्ली स्थित सीबीडी ग्राउंड में भव्य रामलीला सोसाइटी की ओर से बृहस्पतिवार को रावण दहन नहीं किया गया। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए आयोजकों ने शुक्रवार की शाम रावण दहन करने का निर्णय लिया है। आयोजकों ने इस बार दहन के लिए 80 फुट का रावण, 75 फुट का कुंभकरण और 70 फुट का मेघनाद का पुतला तैयार किया है। शास्त्री पार्क स्थित विष्णु अवतार रामलीला, सीबीडी ग्राउंड स्थित बालाजी रामलीलाल, प्रीत विहार स्थित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पुतले गीले होने की वजह से देरी से दहन किया गया। रावण दहन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
80-70 फुट के जलाए गए रावण
पूर्वी दिल्ली के सीबीडी ग्राउंड स्थित बालाजी रामलीला में 80 फुट का रावण, 75 फुट का कुंभकर्ण, और 70 फुट का मेघनाद का पुतला दहन किया गया। वहीं, शास्त्री पार्क स्थित डीडीए मैदान में विष्णु अवतार रामलीला कमेटी की ओर से 70 फुट का रावण, 65 फुट का कुंभकर्ण और 60 फुट का मेघनाद का पुतला जलाया गया।
इको फ्रेंडली रावण किया गया दहन
पूर्वी दिल्ली के रामलीला में इस बार आयोजकों ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको फ्रेंडली रावण तैयार करवाए थे, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। इसके लिए उन्होंने रावण दहन में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया और पटाखों की आवाज की जगह साउंड इफेक्ट का उपयोग किया।
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