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पत्नी ने दिया आइडिया, तो नौकरी छोड़..लोन लेकर शुरू किया बिजनेस, खड़ी कर दी फैक्ट्री, 1.5 करोड़ टर्नओवर

पटना. ‘अच्छी खासी नौकरी को अलविदा कहकर किसी भी तरह के बिजनेस की शुरुआत करना कोई बच्चों का खेल नहीं है.’ बड़े बुजुर्गों की कही ये बात अक्सर कई लोगों के मन में बिजनेस करने की जिज्ञासा का गला घोंट देती है. लेकिन पेशे से इंजीनियर पटना के 50 वर्षीय सुरेंद्र कुमार नीरज किसी और ही मिट्टी के बने हुए इंसान हैं. यही कारण है कि उन्हें खुद की नौकरी छोड़कर और लोगों को रोजगार देने के अपने फैसले पर पत्नी विनती कुमारी के साथ-साथ अपने माता पिता का भी भरपूर साथ मिला.

हिस्ट्री से ग्रेजुएट 41 साल के विनती कुमारी ने इंटरनेट पर पीएमईजीपी योजना के बारे में पता लगाया. उन्होंने Local 18 को बताया कि इंटरनेट पर गूगल की मदद से उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने अपने पति को लोन की प्रक्रिया के बारे में बताया और 25 लाख का लोन लेकर उन्होंने अपनी फैक्ट्री को दूसरी जगह शिफ्ट किया. साथ ही कई मशीनें भी लगाई गई, बिजली की निर्बाध आपूर्ति और सतत रूप से मेहनत का परिणाम ये हुआ कि अब पटना में पॉलीनेट एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है. विनती बताती हैं कि पटना के वाटर टैंक की इस फैक्ट्री सालाना एक से डेढ़ करोड़ का टर्नओवर हो जाता है. अच्छी कमाई के साथ ही इस काम से कइयों को भी रोजगार मिल रहा है.

साल में हो रहा अच्छा मुनाफा
बता दें कि बेंगलुरु से अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर सुरेंद्र ने नागार्जुन फर्म में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर कई साल तक काम भी किया. सुरेंद्र कहते हैं कि इसी कारण उन्हें मशीनों के बारे में काफी जानकारियां भी हासिल हुई जो इस फैक्ट्री में भी काम आ रही हैं. सुरेंद्र कहते हैं कि पत्नी के साथ के बिना ये सब संभव नहीं हो पाता. सुरेंद्र बताते हैं कि उनकी पत्नी विनती का मानना है ‘चेज द क्वालिटी एंड क्वांटिटी विल चेज यू’ मतलब अगर आप क्वालिटी का पीछा करेंगे तो क्वांटिटी अपने आप बढ़ जाएगी. सुरेंद्र की माने तो 16 साल पहले जमी-जमाई नौकरी छोड़कर जब उन्होंने बिजनेस शुरू किया तो बिजली की आपूर्ति नहीं होने से उन्हें बिजनेस में कुछ घाटा लग गया था. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पत्नी की मदद से पटना के पाटलिपुत्र में स्थित डीआईसी की सलाह से पीएमईजीपी योजना का लाभ उठाया. इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी के साथ 15 दिनों का ईडीपी कोर्स भी किया, जिससे उन्हें बिजनेस की प्लानिंग में काफी मदद मिली.2500 से शुरू होती है टंकी की रेंजबता दें कि सुरेंद्र अपने कारखाने में 500 लीटर से लेकर 2000 लीटर की वाटर टैंक बनाते हैं. जिसकी कीमत 2500 से लेकर 20,000 तक होती है. अब आलम ये है कि साल में 2500 से 3000 वाटर टैंक की बिक्री हो जाती है. वहीं, पानी की टंकी के बिजनेस में सफलता के बाद सुरेन्द्र पटना में पॉलिनेट कंपनी के पीवीसी पाइप भी बना रहे हैं. क्वालिटी के कारण पानी टंकी के तरह ये भी खूब बिक रही है. सुरेंद्र बताते हैं कि पानी की टंकी की क्वालिटी उसकी लेयरिंग पर निर्भर करती है. जितनी ज्यादा लेयरिंग होगी पानी की टंकी की क्वालिटी उतनी ही बेहतर होती जाएगी. किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप मोबाइल नंबर 9546742759, 9113763619 और ईमेल polynettank@gmail.com पर संपर्क भी कर सकते हैं.

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