8 साल पुराने ड्रग्स केस को लेकर ममता कुलकर्णी एक बार फिर से चर्चा में हैं। साल 2016 में ड्रग्स केस में उनका नाम सामने आया था और उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। उनका केस अब खारिज कर दिया गया है। हाल ही में इसे लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि उनके खिलाफ दर्ज सभी केस बेबुनियाद हैं और ये सब सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए किया गया था। मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे के 2000 करोड़ रुपये के ड्रग जब्ती मामले में ममता कुलकर्णी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने कार्यवाही को ‘स्पष्ट रूप से बेबुनियाद और परेशान करने वाला’ करार दिया है। कोर्ट के अनुसार, मामले को आगे बढ़ाना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। जस्टिस भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे की बेंच ने कहा, “हम इस बात से संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ता (कुलकर्णी) के खिलाफ मामला जारी रखना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने से कम नहीं होगा।”
फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार, मामले को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ममता कुलकर्णी के खिलाफ, जो सबूत हैं वो किसी अपराध को साबित नहीं करती हैं। हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को कुलकर्णी के खिलाफ मामला खारिज कर दिया था, लेकिन डीटेल ऑर्डर बुधवार यानी 7 अगस्त को उपलब्ध कराया गया।
चार्जशीट में गवाहों के बयानों और अन्य सबूतों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि साजिश केन्या के एक होटल के डाइनिंग एरिया में हुई थी, जहां कुलकर्णी डाइनिंग टेबल के पास सोफे पर बैठी थीं। इन सभी चीजों की जांच करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उपलब्ध सामग्री एनडीपीएस एक्ट के तहत कुलकर्णी के खिलाफ आरोपों को कायम रखने के लिए पर्याप्त नहीं है।
सभी चीजों की जांच करने के बाद, बेंच ने कहा, “चार्जशीट में मौजूद सभी चीजों को देखने के बाद, हमारा मानना है कि एनडीपीएस ऐक्ट और विशेष रूप से धारा 8 (सी) और साथ ही 9 (ए) के तहत उनके खिलाफ आरोपों को बनाए रखने के लिए मौजूदा मटेरियल काफी नहीं है।”
12 अप्रैल, 2016 को, ठाणे पुलिस ने दो वाहनों को रोका और पाया कि उनमें सवार लोग 2-3 किलोग्राम इफेड्रिन (पाउडर) ले जा रहे थे, जो नारकोटिक्स अधिनियम के तहत रेगुलेटरी चीज है। ड्राइवरों, मयूर और सागर को हिरासत में लिया गया था। 80 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत वाली ये खेप एक दवा कंपनी की फर्जी आईडी से जुड़ी थी। जांच के बाद ममता कुलकर्णी के साथ-साथ 10 और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, लेकिन अब उन्हें इस मामले में राहत मिल चुकी है।
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