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IIT BHU छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपी निकले भाजपा के नेता, नाम लेने पर अजय राय पर दर्ज हुआ था मुकदमा

आईआईटी बीएचयू छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी सोमवार को वाराणसी पुलिस ने कर ली। तीनों आरोपियों की पहचान उजागर होते ही भारतीय जनता पार्टी में हड़कंप की स्थिति है। दरअसल, पकड़े गए तीनों आरोपी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के करीबी निकल गए। यह तीनों आरोपी भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के महानगर पदाधिकारी निकले। एक नवंबर को हुई इस घटना के बाद विपक्ष के बड़े नेताओं ने इस मामले पर कानून व्यव्स्था पर निशाना साधा था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर आरोपियों को बीजेपी से जुड़ा होने पर लंका थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। अब मामले के खुलासा होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने निशाना साधा है। सभी आरोपी भाजपा के, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बता दिया था पहले ही

एक नवंबर 2023 को बीएचयू आईआईटी परिसर के भीतर एक छात्रा के साथ देर रात तीन लोगों ने छेड़खानी करते हुए उसका न्यूड वीडियो बनाया था। इसके बाद आईआईटी परिसर में एक बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसके बाद मामले में 376(डी) की धारा बढ़ा दी गई थी। इस मामले को विपक्ष के सभी बड़े नेताओं प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव ने भी उठाया था। जिसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने घटना के करीब एक हफ्ते के बाद ही इसमें भाजपा के बड़े पदाधिकारी के शामिल होने की बात सार्वजनिक तौर पर कही थी, जिसके बाद अजय राय पर लंका थाने में एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।

दो महीनों तक क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी, अब उठ रहे सवाल

आरोपी की पुष्टि होते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि घटना के एक हफ्ते के भीतर ही पुलिस के सभी अधिकारियों को पता चल चुका था कि आरोपी सत्ता पक्ष से जुड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की गई और जब विपक्ष के नेता होने के नाते मैंने आवाज उठाई तो मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया। मेरी जानकारी के अनुसार घटनाक्रम के समय तत्कालीन थाना अध्यक्ष और एसीपी भेलूपुर पर सत्ता पक्ष का खासा दबाव था। जिसकी वजह से आरोपियों की इतनी दिन तक गिरफ्तारी नहीं हुई। हम लोगों ने लगातार इस मुद्दे को उठाया है, जिसके बाद दबाववश आरोपियों की गिरफ्तारी संभव हो पाई है। भाजपा आईटी सेल का महानगर संयोजक है मुख्य आरोपी

पकड़े गए तीनों आरोपियों की पहचान कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और आनंद चौहान के रूप में हुई है। कुणाल पांडे भारतीय जनता पार्टी महानगर इकाई का आईटी सेल के संयोजक है तो वहीं सक्षम पटेल सहसंयोजक है। आनंद चौहान कैंट विधानसभा क्षेत्र के आईटी सेल का संयोजक है। सक्षम पटेल काशी प्रांत के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल के कुछ दिनों पूर्व तक पीस के तौर पर कार्यरत भी थे। इसके अलावा कुणाल पांडे ही आईटी सेल के सदस्यों की नियुक्ति करते थे। कुणाल पांडे सरायसर्जन वार्ड के भाजपा पार्षद का दामाद भी है। सरायसर्जन वार्ड के पार्षद मदन मोहन तिवारी की बेटी के साथ कुणाल पांडे की शादी बीते वर्ष हुई थी। आनंद चौहान पर 2022 में भी भेलुपुर थाने में छेड़खानी का एक मुकदमा दर्ज है।

सओ और एसीपी के हटते ही हुई गिरफ्तारी

एक नवंबर को हुई घटना के बाद स्थानीय थाना अध्यक्ष अश्वनी पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया था। कुछ दिनों पहले भी स्थानीय सर्कल के एसीपी प्रवीण सिंह का तबादला गैर जनपद में हुआ। इन दोनों घटनाक्रम के बाद हुई गिरफ्तारी से अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मेरी इस बात पर भी मुहर लग गई कि तत्कालीन जांच करने वाली पुलिस टीम और स्थानीय पुलिस पदाधिकारी पर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करने का जबरदस्त दबाव था।

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