नवीन गौतम, नई दिल्ली।
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप 4 लगने के बाद प्याज लेकर आ रहे वाहनों को लेकर फैली अफवाहों के चलते आजादपुर मंडी में पिछले कुछ दिनों में प्याज की आवक कम हो गई है। जिसके चलते प्याज के दाम एक बार फिर बढ़ चले हैं, जब कि प्याज लेकर आने वाले वाहनों पर कोई भी प्रतिबंध नहीं है। इन अफवाहों को फैलाने का आरोप राजस्थान की स्थानीय मंडियों के कुछ व्यापारियों पर लग रहा है जो नहीं चाहते कि राजस्थान से किसान अपनी प्याज को लेकर दिल्ली के आजादपुर मंडी पहुंचे और उसे उसका उचित दाम मिले।
बता दें कि इन दिनों अलवर, तिजारा, टपूकड़ा, किशनगढ़, खैरथल आदि इलाकों से दिल्ली में बड़ी तादाद में प्याज की आवक हो रही है । इसी आजादपुर मंडी से दिल्ली सहित बिहार , बंगाल पंजाब हिमाचल आज राज्यों के लिए प्याज जाती है लेकिन अफवाहों के बाजार ने प्याज की आवक कम कर दी है। पिछले कुछ दिनों पर नजर डालें तो प्याज की आवक राजस्थान के विभिन्न इलाकों से मंगलवार को 42 हजार कट्टे तक रही। एक कट्टे में 50 से लेकर 60 किलो तक प्याज रहता है लेकिन बुधवार को यह आवक 35 हजार कट्टे तक रह गई। बृहस्पतिवार को 32 हजार कट्टे रह गई जब कि प्याज के रेट थोक मंडी में 1300 से लेकर 1800 रुपए प्रति मन यानी 40 किलो तक के रहे। जनरल टोमेटो ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान विजेेन्द्र यादव ने बताया कि ग्रेप 4 लागू होने के बाद राजस्थान के प्याज उत्पादक किसानों के बीच कुछ लोगों द्वारा इस तरह की अफवाह फैला दी जा रही है कि दिल्ली में प्याज लेकर आ रहे वाहनों को आजादपुर मंडी और दिल्ली में प्रवेश नहीं है लेकिन जब कि ऐसा नहीं है। जिस तरह से अन्य सब्जियों को लाने वाले वाहनों को इजाजत है ठीक उसी प्रकार की इजाजत प्याज वालों को भी है। साहिल यादव का कहना है कि इस स्थिति के चलते राजस्थान के किशनगढ़ , अलवर, तिजारा, खैरथल आदि क्षेत्र से प्याज लेकर आने वाले किसान राजस्थान में ही दूसरी जगह कम कीमत पर अपनी प्याज बेचने को विवश हो रहे हैं और उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उनका कहना है कि किसान अफवाहों पर ध्यान ना दें दिल्ली में किसी प्रकार का प्रबंध प्याज लाने वाले वाहनों पर नहीं है। एकजुट व्यापार संघ दिल्ली के अध्यक्ष और प्याज के बड़े कारोबारी साहिल यादव (प्रधान जी) का कहना है कि दुखद स्थिति यह है कि दूसरी जगह किसानों का शोषण करने वाले कुछ लोगों ने कुछ अन्य क्षेत्रों में आजादपुर मंडी को लेकर इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है कि यहां प्याज लेकर आने वाले किसानों से कमीशन लिया जाता है जब कि ऐसा नहीं है, केवल पल्लेदारी के रूप में प्रति कट्टा 11 रुपए पल्लेदारी के लिए जाते हैं, कमीशन यहां किसी भी प्याज बेचने आए किसान से नहीं लिया जाता जब कि अन्य राज्यों की छोटी-छोटी मंडयों में किसानों का शोषण होता है इसलिए किसानों को इन अफवाहों से भी बचना चाहिए और उन्हें उपज का अच्छा दाम पाने के लिए प्याज को आजादपुर मंडी में लेकर आना चाहिए क्योंकि यहीं से अन्य राज्यों के लिए प्याज भेजी जाती है और दिल्ली में भी प्याज की खपत सर्वाधिक है।
वैसे, मंडी के कुछ व्यापारी इस बात को मानते हैं कि कुछ किसान इस बात पर नाराज हो जाते हैं कि उनका पर्चा और बिलों का भुगतान आदि होने में समय लगता है जिससे उन्हें अपने घर वापस पहुंचाने में समय लगता है लेकिन ऐसे किसानों के लिए तमाम तरह की व्यवस्था आजादपुर मंडी से है जिससे किसान समय पर अपने घर वापस पहुंच सके। इतना ही नहीं आजाद पुर मंडी में किसान को भुगतान कुछ ही घंटे के अंदर कर दिया जाता है जिसमें नगद पेमेंट के साथ-साथ आरटीजीएस और ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था है जैसा किसान चाहते हैं वैसी व्यवस्था उनके लिए रहती है।
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