जयपुर। राजस्थान में नए सीएम को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद नाम तय कर लिया है। भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था। आज दोपहर तीनों नेता जयपुर पहुंचे, विधायकों संग बैठक की। आज दोपहर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन मीटिंग की थी। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी।
बताते चलें कि राजस्थान का रण जीतने के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि सीएम किसे चुना जाए। लेकिन सीएम पद की यह रेस अब थम गई है। इस रेस में कई नाम चल रहे थे। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम वसुंधरा राजे का चल रहा था। वो पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बन गए बाबा बालकनाथ के नाम पर भी चर्चा थी। वहीं गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम भी रेस में थे।
गौरतलब है कि एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान ने जिस तरह से फैसला लेकर सबको चौंका दिया, उसे देखकर राजस्थान में बीजेपी के सभी 115 विधायकों की उम्मीद जग गई थी कि बंद लिफाफे में उनका नाम भी हो सकता है। हुआ भी कुछ ऐसा ही।
छत्तीसगढ़ और एमपी की तरह राजस्थान में भी बीजेपी ने बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ा था। बीजेपी इन चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे पर जमीन पर उतरी। राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर हुई वोटिंग में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है। पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, 69 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली।
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