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आश्रम कांड: ‘बाथरूम में कैमरे… इन छात्राओं को बनाया निशाना’, बाबा ऐसे रखता था लड़कियों की गतिविधियों पर नजर

छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती मुकदमा दर्ज होने के बाद फरारी काटने के लिए सस्ते होटलों में ठहरता था, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। करोड़ों की संपत्ति का मालिक बाबा जांच में पुलिस का सहयोग नहीं कर रहा।

दिल्ली के वसंत कुंज में श्रीशारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च में 17 छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को रविवार तड़के आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले 50 दिनों से फरार चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

पुलिस को चैतन्यानंद (62) के आगरा के ताजगंज क्षेत्र में होटल फर्स्ट में छिपे होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने छापा मारकर उसे कमरा नंबर 101 से रविवार तड़के 3:30 बजे धर दबोचा। उसने होटल में 27 सितंबर की शाम को ही पार्थसारथी के नाम से कमरा लिया था। चार अगस्त को केस दर्ज होने के बाद से वह दिल्ली से फरार था।
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि उसके साथ कौन कौन लोग शामिल हैं। उसे उन जगहों पर भी ले जाया जाएगा, जहां वह छात्राओं को महंगी कारों में लेकर गया था। चैतन्यानंद से वसंत कुंज पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही है।
आठ करोड़ रुपये फ्रीज 
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद के 18 बैंक खातों और 28 एफडी में जमा आठ करोड़ रुपये फ्रीज किए थे। यह राशि चैतन्यानंद के ट्रस्ट से जुड़ी है। उसने बैंक खाते चलाने के लिए अलग-अलग नाम और जानकारी का इस्तेमाल किया। केस दर्ज होने के बाद उसने 50 लाख से ज्यादा की रकम निकाली।
संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स के फर्जी विजिटिंग कार्ड मिले
पुलिस को चैतन्यानंद से संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के राजदूत, ब्रिक्स कमीशन सदस्य और भारतीय विशेष दूत डे प्रीमियर के जाली विजिटिंग कार्ड भी मिले। उसके पास से एक आईपैड और तीन मोबाइल बरामद हुए। एक फोन में हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज एक्सेस थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी और उसके साथियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संबंध होने का दावा किया। उसने पीएमओ का अपना फर्जी पहचानपत्र भी बनवा रखा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा और आगरा में जगह और होटल बदलता रहता था और टैक्सी से यात्रा करता था।

अब तक पांच एफआईआर 
चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से एक 2009 की और दूसरी एफआईआर 2016 की है। तीसरी एफआईआर मठ में धोखाधड़ी, चौथी छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और पांचवीं फर्जी राजदूत की नंबर प्लेट की है। चैतन्यानंद लाल गाड़ी में बार-बार नंबर प्लेट बदलता रहता था। सभी प्लेट पर यूएन लिखा रहता है, बस डिजिट बदल दी जाती थी। पुलिस के अनुसार, अब तक 16 छात्राएं मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करा चुकी हैं।
बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के आरोप
पटियाला हाउस कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की और उनका यौन शोषण किया। पीड़िताओं के बयान आरोपों की पुष्टि करते हैं। आरोपी ने ने पीड़ितों को धमकाया भी था। उसने बाथरूम में भी सीसीटीवी लगवाए। 16 लड़कियों ने बयान दर्ज कराए हैं, जबकि कई अन्य आरोपों की जांच की जानी है। एक शिकायतकर्ता के वकील ने कहा, वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा। उसने आईपैड व आईक्लाउड के पासवर्ड नहीं दिए हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निशाना बनाया
आरोपी ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निशाना बनाया, जो स्कॉलरशिप पर पढ़ रही थीं। 32 छात्राओं की काउंसलिंग हुई, जिनमें से 17 ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस से बचने के लिए करोड़ों की संपत्ति का मालिक सस्ते होटल को बनाता था ठिकाना
छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती मुकदमा दर्ज होने के बाद फरारी काटने के लिए सस्ते होटलों में ठहरता था, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। करोड़ों की संपत्ति का मालिक यह बाबा शुरुआती जांच में पुलिस को कोई सहयोग नहीं कर रहा था। हर सवाल का जवाब ना में देने पर पुलिस सच जानने के लिए दूसरा रास्ता भी अख्तियार कर सकती है। आरोपी को रविवार तड़के आगरा से गिरफ्तार किया गया।
साउथ-वेस्ट जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चैतन्यानंद के पास से एक आईपैड और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इनमें से एक फोन में परिसर और छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिनके जरिये वह छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था।
इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि चैतन्यानंद और उसके सहयोगी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से निकटता का झूठा दावा करते थे। आरोप है कि उसके सहयोगियों ने कई लोगों को फोन कर पीएमओ से संबंध होने की बात कही।
गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी वृंदावन, मथुरा और आगरा के होटलों में लगातार ठिकाना बदलता रहा और टैक्सियों का इस्तेमाल करता रहा। पुलिस के अनुसार, आरोपी के कमरे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्रियों के साथ उसकी फोटो लगी मिली है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि ये तस्वीरें एआई से बनाई गई हैं।

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