उसके बाद चालक का गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया जाता था। फिर शव को अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जैसे इलाकों की गहरी खाइयों में फेंक दिया जाता था। जिससे कि चालक का शव किसी को बरामद न हो सके। उसके बाद ये लोग गाड़ी को ले जाकर नेपाल में बेच देते थे। मामले में चार चालकों की हत्या की पुष्टी हुई है। हालांकि, पुलिस ने केवल एक ही कैब ड्राइवर का शव बरामद किया था। तीन कैब ड्राइवर के शव तक नहीं मिले।