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एक कमरा और उसमें चार लाशें: तीन के शरीर अकड़े हुए, अंदर चल रहा था AC; मौत की गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस

दक्षिणपुरी में पड़ोसियों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो चार एसी मैकेनिकों में से तीन के शरीर अकड़े हुए थे। कमरे में एसी भी चल रहा था। अलग-अलग तरह की कई गैस सिलिंडरों में थीं।

दिल्ली के आंबेडकर नगर स्थित दक्षिणपुरी में शनिवार सुबह एक बड़े हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। कमरे में सोए चार एसी मैकेनिकों की संदिग्ध हालत में जान चली गई। आशंका व्यक्ति की जा रही है कि गैस की चपेट में आकर दम घुटने से मौत हुई। मौके पर पहुंची क्राइम टीम के अलावा एफएसएल ने साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस को इनके कमरे से नाइट्रोजन, एलपीजी, ऑक्सीजन और एसी में प्रयोग होने वाले गैस के सिलिंडर मिले हैं। ये चारों उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले थे। चारों की मौत से परिवार में मातम पसर गया है।

दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया, एसी मैकेनिकों की शिनाख्त बरेली के सीबी गंज स्थित सानिया रानी निवासी इमरान उर्फ सलमान (30), मोहसिन (20), हसीब (25) और बरेली के गोटिया निवासी कपिल उर्फ अंकित रस्तोगी (18) के रूप में हुई है। इमरान इन सभी को काम सिखाने के लिए दिल्ली लाए थे।

किस गैस के लीक होने से गई चारों की जान?
दक्षिणपुरी में पड़ोसियों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो चार एसी मैकेनिकों में से तीन के शरीर अकड़े हुए थे। कमरे में एसी भी चल रहा था। अलग-अलग तरह की कई गैस सिलिंडरों में थीं। ऐसे में किस गैस के लीक होने से चारों जान चली गई, यह जांच का विषय है। मौत की वजह जानने के लिए पुलिस विशेषज्ञों से संपर्क कर रही है। जानकारों का कहना है कि केवल नाइट्रोजन के सीधे संपर्क में आकर जान जाने की संभावना है। बाकी कमरे में ऑक्सीजन, एलपीजी और एसी की दूसरी गैस (22 नंबर, आर-32 और आर-410ए) भी मौजूद थीं।

ऐसा भी हो सकता है कि एक साथ दो गैस लीक होने से उनकी मौत हुई हो। पुलिस रसायन वैज्ञानिकों से बातचीत कर रही है। क्राइम टीम और एफएसएल ने बेहद बारीकी से इन सभी सिलिंडरों का मुआयना किया। बाकी पुलिस पोस्टमार्टम करने के लिए मेडिकल बोर्ड बनवाकर एक्सपर्ट से पीएम करवाने पर विचार कर रही है। इसके बाद तीनों की मौत का पता चल पाएगा।

बरेली से लड़के लाकर एसी का काम करता इमरान
मोहसिन के रिश्तेदार अय्यूब ने बताया कि पिछले कई साल से इमरान इस कमरे में रह रहा था। गर्मियों का सीजन आते ही वह बरेली से लड़के लाकर एसी का काम करता था। सात से आठ महीने काम करने के बाद बाकी लड़के वापस बरेली चले जाते थे। इमरान ने ही सबको काम सिखाया था। इमरान के साथ काम करने वाले वाहिद ने दावा किया है कि इनको नशे की आदत भी नहीं थी। वाहिद ने बताया कि इस तरह से मौत की घटना को उसने पहली बार देखी है।

बरेली में चारों के घरों में  मातम
चारों की मौत से उनके परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। बरेली स्थित उनके घरों में मातम का माहौल है। इमरान के परिवार में पिता बाबू खान के अलावा मां, सात भाई व तीन बहने हैं। मोहसिन के परिवार में पिता बशीर अहमद, मां, भाई व बहन हैं। हसीब के परिवार में निसार अहमद के अलावा अन्य लोग हैं। कपिल उर्फ अंकित के पिता महेश रस्तोगी की एक साल पहले मौत हो चुकी है। इनके परिवार में मां, छोटा भाई व एक बहन है। कपिल का छोटा भाई चाउमिन बेचता है।

चारों की मौत के बाद परिजन बरेली से दिल्ली के लिए रवाना हुए। बरेली से मोहसिन के भाई फारूख शुक्रवार से अपने भाई को फोन कर रहे हैं। फोन नहीं उठाने पर फारूख ने सराय काले खां में रहने वाले अपने ममेरे भाई अय्यूब और भलस्वा डेयरी निवासी अय्यूब के भांजे जीशान को कॉल किया। इसके बाद शनिवार सुबह जीशान दक्षिणपुरी स्थित उनके घर पहुंचा तब घटना की जानकारी मिली।

दिल्ली दक्षिणपुरी में इमरान किराए पर कमरा लेकर रह रहे थे। दिन में काम करने के बाद रात को सभी यहां आकर सो जाते थे। शुक्रवार को चारों अपने कमरे में मौजूद थे। शाम को भलस्वा डेयरी निवासी मोहसिन की मौसी का बेटा जिशान कॉल कर रहा था, लेकिन लेकिन जब फोन नहीं उठा तो वह शनिवार सुबह कमरे पर पहुंच गया। दरवाजा अंदर से बंद था और एसी भी चल रहा था।

खटखटाने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने पड़ोसियों को बुलाया। उसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने लोगों की मदद से दरवाजा को तोड़ा। जहां चारों अचेत पड़े थे। अंदर से अजीब तरह की गंध भी आ रहे थी। फौरन उन्हें आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया।

जहां से सभी को सफदरजंग व एम्स ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। जहां इमरान, मोहसिन और कपिल को मृत घोषित कर दिया गया। हसीब की सांसें चल रही थीं। लेकिन उपचार के दौरान शनिवार दोपहर बाद उसने भी दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने आशंका जाहिर की है कि दम घुटने से इनकी मौत हो गई।

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