दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2020 दिल्ली दंगा जमानत मामलों में चल रही लंबी बहस पर नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा कि हर तारीख पर हम केवल एक ही बात कहते हैं कृपया बहस खत्म करें। कोर्ट ने अब इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 1 जुलाई को सूचीबद्ध किया है।
खंडपीठ ने यह टिप्पणी आरोपी गुलफिशा फातिमा के वकील की दलील के जवाब में की, जिन्होंने कहा कि उनकी जमानत याचिका पिछले तीन वर्षों से कोर्ट में लंबित है। यह एक विशेष पीठ है, जो इन मामलों की सुनवाई के लिए गठित की गई थी। वर्तमान में, उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतहर खान, मीरान हैदर और खालिद सैफी द्वारा दायर कुल आठ जमानत याचिकाएं इस पीठ के समक्ष लंबित हैं।
साजिश मामले में दायर आरोपपत्र की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में दायर आरोप पत्र की एक प्रति सभी प्रतिवादियों को पेन ड्राइव में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश पुलिस की ओर से कानून मंत्री कपिल मिश्रा और अन्य की भूमिका की आगे की जांच के आदेश को चुनौती देने वाली एक पुनरीक्षण याचिका में पारित किया गया था। विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद को तीन कार्य दिवसों के भीतर आरोपपत्र की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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