बता दें कि माधवी राजे सिंधिया मूल रूप से नेपाल की रहने वाली थीं। वह नेपाल के ही राजघराने से संबंध रखती थीं। माधवी राजे के दादा जुद्धशमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री भी रहे। उन्हें राणा वंश का मुखिया भी कहा जाता था। माधवी राजे का विवाह 1966 में ग्वालियर राज घराने के राजकुमार माधवराव सिंधिया के साथ हुआ। माधवराव सिंधिया के निधन के बाद माधवी राजे ने ही बेटे ज्योतिरादित्य को राजनीति के दांव पेंच भी सिखाए और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।
दूसरी तरफ ग्वालियर स्थित सिंधिया परिवार की छत्री पर माधवी राजे के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के लिए यहां चबूतरा तैयार किया जा रहा है, यह भी जानकारी सामने आ रही है जहां पर माधवराव सिंधिया का अंतिम संक्कार हुआ था उसी के पीछे माधवी राजे सिंधिया का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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