- आईपीएल जैसे मान्यता प्राप्त खेल आयोजनों सहित अन्य खेल आयोजनों में प्रवेश पर कितनी जीएसटी लगेगी? इस सवाल पर सरकार ने बताया कि जिन जगहों पर टिकट की कीमत 500 रुपये से अधिक नहीं है, वहां पहले जैसी छूट जारी रहेगी, अगर टिकट की कीमत 500 रुपये से अधिक है, तो उस पर 18% की दर से कर लगता रहेगा।
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- सिगरेट, बीड़ी, जर्दा और बिना प्रोसेस तंबाकू जैसे उत्पादों पर पुरानी दरें ही जारी रहेंगी। इन पर नई दरें तभी लागू होंगी जब मुआवजा सेस से जुड़े कर्ज और ब्याज पूरी तरह चुका दिए जाएंगे।
- दूध, सौंदर्य सेवाओं, योग, फिटनेस, पेय पदार्थों और खाद्य उत्पादों पर जनता को बड़ी राहत मिली है।
प्लांट-बेस्ड दूध पर क्या होगा असर?
केंद्र सरकार ने बताया कि अब तक अति उच्च तापमान (यूएचटी) दूध पर जीएसटी लगता था, जबकि सामान्य डेयरी दूध पहले से ही जीएसटी से मुक्त था। समान टैक्स व्यवस्था के तहत अब यूएचटी दूध को भी छूट दे दी गई है। वहीं, प्लांट-बेस्ड दूध ड्रिंक्स (जैसे बादाम, ओट्स, राइस मिल्क) पर पहले 18% टैक्स लगता था और सोया मिल्क ड्रिंक पर 12%। अब इन दोनों को लाकर सिर्फ 5% की दर तय की गई है। इससे यह पेय अब ज्यादा सस्ते होंगे।
क्या होगा पेट्रोल/डीजल/CNG/LPG कारों पर नया टैक्स?
इस सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि अब इन सभी छोटी कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। बता दें कि पेट्रोल, एलपीजी या सीएनजी कार में इंजन 1200cc तक और लंबाई 4000 मिमी तक होता है। वहीं डीजल कार में इंजन 1500cc तक और लंबाई 4000 मिमी तक होती है।
‘बिना अल्कोहल वाले पेय’ पर 40% टैक्स क्यों?
इसके साथ ही सरकार ने बिना अल्कोहल वाले पेय पर लगे 40 प्रतिशत टैक्स को लेकर जवाब दिया। सरकार ने बताया कि इसी तरह के उत्पादों पर समान टैक्स लगाने की नीति के तहत यह फैसला लिया गया है। इससे गलत वर्गीकरण और कानूनी विवादों को रोका जा सकेगा। इसी वजह से ‘अन्य बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थों’ पर 40% टैक्स लगाया गया है।
खाद्य उत्पादों पर कितना टैक्स?
सरकार ने साफ किया कि जो खाद्य उत्पाद किसी विशेष श्रेणी में नहीं आते, उन पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। पहले इन पर अलग-अलग दरें लागू होती थीं, जिससे भ्रम और विवाद की स्थिति बनती थी।
‘रोटी-पराठा-पिज्जा ब्रेड’ पर कैसा होगा असर?
जीएसटी लागू होने के बाद से ब्रेड पर तो छूट थी, लेकिन पिज्जा ब्रेड, पराठा, रोटी और परोट्टा जैसी वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स लगता था। ऐसे में अब सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि सभी भारतीय ब्रेड को, चाहे वे किसी भी नाम से जानी जाएं, जीएसटी से छूट दी जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा कि भले ही कुछ नाम जैसे पराठा, रोटी, पिज्जा ब्रेड उदाहरण के तौर पर दिए गए हों, लेकिन इसका लाभ सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड को मिलेगा।
सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार ने कौन-सी नई जीएसटी दर तय की है?
इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि अब इन सेवाओं पर 5% जीएसटी लगेगा, लेकिन इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) नहीं मिलेगा। पहले इस पर 18% जीएसटी लगता था।
फलों वाले कोल्ड ड्रिंक पर टैक्स क्यों बढ़ा?
सरकार ने बताया कि पहले इन पेय पदार्थों पर GST के साथ-साथ मुआवजा सेस भी लगता था। अब जब सेस खत्म किया जा रहा है, तो टैक्स बढ़ाकर उसी स्तर को बनाए रखा गया है, जिससे सरकार की आमदनी पर असर न पड़े।
पनीर और दूसरी चीज पर टैक्स में फर्क क्यों है?
सरकार ने बताया कि पैक न किए गए पनीर पर पहले से ही कोई टैक्स नहीं लगता था। इसलिए अब सिर्फ पैक और लेबल वाले पनीर पर बदलाव किया गया है। यह फैसला घरेलू स्तर पर बने पनीर को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
असली और नकली शहद पर टैक्स में फर्क क्यों?
सरकार का मकसद है कि प्राकृतिक शहद को बढ़ावा दिया जाए। इसलिए असली शहद पर टैक्स कम और कृत्रिम शहद पर ज्यादा रखा गया है।
क्या सभी कृषि उपकरणों पर टैक्स घटा है?
इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि हां सिंचाई प्रणाली, थ्रेशर, कटाई मशीन, फसल काटने वाली मशीन, खाद बनाने वाली मशीनें और अन्य खेती से जुड़े उपकरणों पर GST की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।
सभी दवाओं को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया गया?
अगर दवाओं को पूरी तरह जीएसटी से मुक्त किया जाए तो निर्माता को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे लागत बढ़ेगी और दवाएं और महंगी हो जाएंगी। इसलिए यह उपाय लोगों के हित में नहीं माना गया।
क्या सभी मेडिकल डिवाइसेज पर 5% जीएसटी लागू है?
सरकार ने बताया कि हां, लगभग सभी चिकित्सा, सर्जरी, डेंटल और पशु चिकित्सा उपकरणों पर अब 5% टैक्स लगेगा, कुछ विशेष रूप से छूट वाले उपकरणों को छोड़कर।
साबुन की टिकिया पर नया GST क्या है? तरल साबुन से अलग टैक्स क्यों?
सरकार ने बताया कि टॉयलेट सोप बार पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है। इसका मकसद नीचले और मध्यवर्गीय परिवारों का मासिक खर्च कम करना है। वहीं, तरल साबुन पर अलग दर इसलिए रखी गई क्योंकि उसका प्रयोग अलग वर्ग द्वारा किया जाता है।
फेस पाउडर और शैंपू पर टैक्स क्यों घटाया गया?
सरकार ने बताया कि ये चीजें अब लगभग हर वर्ग की जरूरत बन चुकी हैं, इसलिए इन पर 5% की दर लगाई गई है। हां, इससे महंगे ब्रांड भी फायदा उठाएंगे, लेकिन टैक्स दर ब्रांड के आधार पर तय करने से सिस्टम जटिल हो जाता, इसलिए इसे सरल रखा गया है।
केवल कुछ ही उत्पादों पर टैक्स कम क्यों किया गया?
सरकार ने कहा कि फेस पाउडर और शेविंग क्रीम जैसे उत्पाद हर वर्ग के लोग रोजाना इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उन्हीं पर टैक्स में राहत दी गई है। बाकी वस्तुओं पर पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।
40% जीएसटी को ‘विशेष दर’ क्यों कहा गया है?
सरकार ने बताया कि 40% की विशेष दर कुछ गिने-चुने लग्ज़री और हानिकारक वस्तुओं (जैसे सिगरेट, शरबत आदि) पर लागू की गई है। पहले इन पर जीएसटी के साथ मुआवजा उपकर भी लगता था, जो अब खत्म किया जा रहा है। टैक्स बोझ को स्थिर रखने के लिए सेस को ही जीएसटी में शामिल कर दिया गया है।
छोटे कृषि ट्रैक्टर को पूरी तरह टैक्स फ्री क्यों नहीं किया गया?
सरकार ने कहा कि पूरा टैक्स माफ करने से ट्रैक्टर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं ले पाएंगे, जिससे उनकी लागत बढ़ेगी और ट्रैक्टर की कीमत पर असर पड़ेगा। इसलिए टैक्स कम रखा गया, लेकिन पूरा माफ नहीं किया गया, ताकि किसान को राहत भी मिले और घरेलू उत्पादन को नुकसान भी न हो।
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