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रायबरेली के लोगों को सोनिया गांधी की भावुक चिट्‌ठी, लोकसभा चुनाव न लड़ने की बताई वजह

दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन किया। अब सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की जनता के नाम एक खत लिखा है। जिसमें उन्होंने क्षेत्र की जनता का आभार जताया है।  साथ ही कहा कि वह स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता का आभार जताते हुए कहा कि वह भले ही सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन-प्राण हमेशा वहीं जनता के साथ रहेगा।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि, बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के चलते अब मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। उन्होंने आगे लिखा कि इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधे तौर पर सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके साथ रहेगा। बता दें कि सोनिया गांधी ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा जाने के लिए 14 फरवरी को जयपुर में नामांकन किया। ये पहली बार है जब सोनिया गांधी राज्यसभा जा रही हैं। इससे पहले वह 1999 से लगातार लोकसभा के लिए चुनी जाती रही हैं। जबकि सोनिया गांधी 2004 से रायबरेली से चुनाव जीतकर लोकसभा जाती रही हैं।

“नमस्कार! मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आपलोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सासद श्रीमति इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।

इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे। मैं यह कभी नहीं भूल सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।

अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिान यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।”

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