नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। सभी दलों के नेताओं का बिहार आना-जाना का सिलसिला शुरू हो चला हैं। भाजपा जहां कांग्रेस और आरजेडी पर हमलावर है। जबकि दूसरी ओर विपक्षी दल भी जेडीयू और भाजपा पर निशाना साध रहे है।
विधानसभा चुनावों पहले एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय को अपने पाले में लाने के कांग्रेस ने तैयारियां शुरु कर दी है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है और बहुजनों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। पार्टी के एससी-एसटी और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्षों ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों के शासन में मोदी सरकार इन समुदायों का कल्याण करने में विफल रही है। कांग्रेस ने निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की मांग की है।
कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेंद्र पाल ने केंद्र सरकार से निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि वे जल्द से जल्द निजी शिक्षण संस्थानों में एससी,एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने के बारे में कदम उठाएं। इसके अलावा, कमेटी द्वारा जो सुझाव दिए गए हैं, उनका पालन करें और कमजोर वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की जाए।
जयहिंद ने कहा,प्रधानमंत्री खुद को ओबीसी वर्ग से बताते हैं, लेकिन इन 11 साल में जितना खामियाजा इस वर्ग को उठाना पड़ा है, उतना कभी नहीं हुआ। इतना ही नहीं- 2017 के बाद से आजतक नरेंद्र मोदी क्रीमी लेयर को भी रिवाइज नहीं कर पाए हैं। कांग्रेस सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने को लेकर जो कानून बनाया था, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये कानून लागू होना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार 11 साल से इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। हमारे जाति जनगणना का भी मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने दबाव में आकर जातिगत जनगणना कराने की बात तो कबूल कर ली है, लेकिन उसे पूरा करने और उसकी प्रक्रिया का कोई रोडमैप नहीं दिखाई दे रहा है।
No Comments: