नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को भी राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की आंशिक दलीलें सुनने के बाद केस की अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख नियत की है।
इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में ईडी के आरोपों का विरोध करते हुए यंग इंडियन कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि मामले में ऋण की अदायगी, उस पर लगाए गए ब्याज और अन्य से संबंधित दस्तावेज जांच एजेंसी की तरफ से दबा दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ईडी की शिकायत बेतुकी बातों से भरी हुई थी और इसमें स्वाभाविक रूप से असंभव आरोप हैं। उन्होंने कहा कि ईडी को आरोपों की सत्यता की जांच करने के लिए वैधानिक रूप से आवश्यक थी, लेकिन जांच एजेंसी ने सतही जांच भी नहीं की। यह भी तर्क दिया कि मामले में शिकायत किसी सरकारी कर्मचारी ने नहीं बल्कि एक निजी नागरिक ने की है।
मामले में शिकायतकर्ता व पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा कि स्वामी दो हजार करोड़ रुपये के आंकड़े पर कैसे पहुंचे? उन्होंने तर्क दिया कि आयकर विभाग का कहना है कि 90 करोड़ रुपये का ऋण एक फर्जी लेनदेन था। उन्होंने कहा कि पैसा कभी गया नहीं, लेकिन यही मामले का आधार बन जाता है। अगर सरकार के दो अंग अलग-अलग रुख अपना रहे हैं, तो अपराध कैसे संभव है? वहीं, दूसरी तरफ मामले में आरोपी अन्य कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने अदालत को बताया कि ईडी ने मामले में गलत तरीके से कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने स्वामी की तरफ से मामले में मूल शिकायत की पंजीकृत प्रति प्राप्त किए बिना ईसीआईआर की।
No Comments: