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दहशत, डर और मंजर: दो घंटे बाद गिरी होती वेलकम में इमारत तो और जानें जाती, हादसे के बाद पड़ोसियों की आपबीती

Building Collapsed In Delhi: वेलकम इलाके में चार मंजिला इमारत गिरने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। अगर ये हादसा दो घंटे बाद होता तो और लोगों की जान चली जाती। इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई और हादसा उस गली में हुआ जो चार फीट की थी।

वेलकम इलाके के जनता कालोनी की जो इमारत जमींदोज हुई, उसी इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर बने हॉल में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जाता था। रोजाना सुबह 9 बजे नन्हे-नन्हे बच्चे वहां पढ़ने के लिए पहुंच जाते थे। इमारत सुबह 7 बजे न गिरकर दो घंटे बाद 9 बजे के बाद गिरी होती तो न जाने कितनी जाने इस हादसे का शिकार होतीं।

स्थानीय लोगों को जहां अब्दुल मतलूब के परिवार का हादसे के शिकार होने का गम था तो वह इस बात का शुक्र भी अदा कर रहे थे कि आंगनबाड़ी के समय इमारत नहीं गिरी। उनका कहना था कि रोजाना यहां 20 से 25 बच्चे पढ़ने के लिए जाते थे। इमारत गिरने के बाद से जहां स्थानीय लोग दुखी दिखे वहीं मासूम भी दहशत में थे।

पड़ोसी जीशान ने बताया कि जावेद और परवेज उनके दोस्त हैं। उनके पिता अब्दुल मतलूब ने अपने ग्राउंड फ्लोर के हॉल को किराए पर आंगनबाड़ी को दिया हुआ था। यहां बच्चों को पढ़ाने के अलावा उनको मुफ्त में खाना-पीना भी दिया जाता था। इस वजह से मोहल्ले के कई छोटे-छोटे बच्चे वहां आते थे।

दो से तीन मैडम बच्चों को पढ़ाने आती थीं। आमूमन बच्चे पौने 9 बजे से आने लगते थे। अच्छा हुआ कि हादसा पहले ही हो गया। यदि बच्चों के समय इमारत गिरती तो न जाने कितने चिराग बुझ जाते। गमगीन आवाज में जीशान ने बताया कि खुदा ने मतलूब चाचा की मौत ऐसे ही लिखी थी। अब यह दुआ है कि बाकी परिजन जल्द ठीक हो जाएं।

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