सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग को पर्यावरण शुल्क के नाम पर प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। अभी तक प्रतिवर्ष करीब 120 करोड़ रुपये राजस्व मिलता है। इसके अलावा इस आदेश से एमसीडी को भी बड़ी राहत मिलेगी। उसे अब सामान लेकर आने वाले व्यवसायिक वाहनों की जांच नहीं करनी पड़ेगी और ऐसे वाहन चालकों के साथ होने वाली कहासुनी या विवाद की स्थिति भी खत्म होगी।
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को बल मिलेगा
नए आदेश से न केवल प्रशासनिक व्यवस्था आसान होगी बल्कि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। पहले चेक-पोस्ट पर जांच की वजह से घंटों खड़े रहने वाले ट्रकों से अतिरिक्त धुआं निकलता था जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता था। अब सभी वाहन सीधे शुल्क देंगे जिससे जांच की जरूरत नहीं होगी और यातायात भी सुचारु रहेगा।
वहीं, दिल्ली सरकार को हर साल 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इस राशि को सरकार दिल्ली को प्रदूषण से राहत दिलाने के उपाय करने में खर्च कर सकेगी। इसके अलावा एमसीडी को छूट प्राप्त वाहनों की जांच से मुक्ति मिलेगी जिससे विवाद और झगड़े की नौबत नहीं आएगी। ट्रकों को चेक-पोस्ट पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसका सीधा असर दिल्ली की हवा और यातायात व्यवस्था पर दिखेगा। लिहाजा, यातायात जाम से मुक्ति मिलेगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
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