नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी जिले की पुलिस ने नवजात बच्ची के अपहरण के ब्लाइंड केस को 24 घंटे के अंदर सुलझा लिया। आरोपी महिला को गिरफ्तार कर पुलिस ने बच्ची को भी सकुशल बरामद कर लिया है। रोहिणी के डीसीपी गुरइकबाल सिंह के मुताबिक, आरोपी महिला ने पकड़े जाने के बाद बताया कि उसकी मां बनने की इच्छा थी।
मगर, वह मां नहीं बन सकती थी। लिहाजा, उसने अस्पताल से बच्ची को उठा लिया था। डीसीपी ने बताया कि 3 जनवरी को एक महिला ने पुलिस में शिकायत दी की उसकी नवजात बच्ची का किसी ने अपहरण कर लिया है। वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया था, जब महिला बीएससी हॉस्पिटल के लेबर वार्ड में एडमिट थी।
महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले अस्पताल के अंदर-बाहर और आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। एक सीसीटीवी कैमरे में महिला लेबर वार्ड के कॉरिडोर से बच्ची को ले जाते हुए नजर आई।
इसके बाद करीब 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की पुलिस ने जांच की। पुलिस को एक कैमरे में महिला लाल रंग के ई-रिक्शा में बैठी हुई नजर आई। उस वक्त भी बच्ची उसकी गोद में थी। इसके बाद पुलिस ने उस ई-रिक्शा को ट्रैक किया और रिक्शा वाले से जब बातचीत की। ई-रिक्शा चालक से पता चला कि महिला सुबह 7 बजे के पास ईएसआई हॉस्पिटल के मेन गेट के पास उतरी थी। आगे की जांच में पता चला कि ई-रिक्शा से उतरने के बाद महिला ने रोहिणी डीटीसी डिपो के सामने दो आदमियों से बात की थी।
इसके बाद पुलिस ने उन दोनों आदमियों को ट्रेस किया। जब पुलिस उन तक पहुंची, तो पता लगा कि महिला ने उन दोनों में से किसी एक व्यक्ति से फोन लेकर किसी को कॉल किया था। बस महिला की यही गलती उसके पकड़े जाने की कारण बनी। पुलिस उस नंबर को ट्रैक करते हुए आरोपी महिला तक पहुंच गई।
उसके पास से पुलिस ने एक दिन की नवजात बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया। डीसीपी रोहिणी गुरइकबाल सिंह ने बताया की पूछताछ में आरोपी महिला ने बताया की वो मां नही बन सकती। इसलिए उसने बच्चा चोरी करने की साजिश रची और फिर तीन जनवरी की सुबह मौका देखकर लेबर वार्ड से वह बच्ची को उठाकर फरार हो गई थी। पुलिस की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद 24 घंटे में इस ब्लाइंड केस को सुलझा लिया।
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