header advertisement

फिल्मी स्टाइल में धोखाधड़ी: ‘स्पेशल 26’ देख बने फर्जी ईडी अधिकारी, फाइव स्टार होटल में मारी रेड; 30 लाख लूटे

ठग अक्सर खुद को सीबीआई, ईडी, आयकर या पुलिस का अफसर बताकर आते हैं। अधिकतर मामलों में डराकर कैश, गहने या ऑनलाइन ट्रांसफर से पैसे वसूले जाते हैं। इनके निशाने पर बड़े कारोबारी, डॉक्टर, रियल एस्टेट के कारोबारी और बुजुर्ग होते हैं। इस बार ठगों ने दिल्ली के पांच सितारा द अशोका-सम्राट होटल स्थित कार के शोरूम को निशाना बनाया।

पांच सितारा द अशोका-सम्राट होटल स्थित कार के शोरूम में फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की फर्जी रेड में 30 लाख रुपये लूट लिए गए। आरोपियों ने शोरूम मैनेजर अनिल तिवारी को अपनी पहचान ईडी अधिकारी के रूप में दी और उसे बंधक बना लिया। अनिल को कार में ले गए और गुरुग्राम के पास रजोकरी में फेंक दिया।

इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारी इनके बारे में कुछ भी बताने से बच रहे हैं। हालांकि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों में से एक पुलिस की वर्दी में था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि द अशोका होटल में बेंटले कार का शोरूम है। मैनेजर अनिल तिवारी 20 जून को अपने घर जा रहे थे। उन्हें शांतिपथ-नीति मार्ग गोलचक्कर के पास हंगरी एंबेसी के नजदीक दो आरोपियों ने रोक लिया।

इनमें से एक ने दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर की वर्दी पहन रखी थी। खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए मैनेजर से कहा कि उनके शोरूम में अवैध तरीके से काफी रकम आई है। इसके बाद वे  मैनेजर को वापस शोरूम में ले गए। वहां कार की डिग्गी खुलवाकर देखी तो उसमें 30 लाख रुपये रखे थे। आरोपियों ने बैग लिया मैनेजर अनिल को भी साथ ले गए।

सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस  
आरोपियों ने कहा कि ईडी की ओर से नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद ईडी कार्यालय में आना होगा। नई दिल्ली जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वारदात 20 जून की है, मगर दो जुलाई को चाणक्यपुरी थाना पुलिस को शिकायत दी गई थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार शुरुआती जांच में लग रहा है कि वारदात को तीन से चार आरोपियों ने अंजाम दिया है। साथ ही शोरूम की जानकारी रखने वाले किसी अंदर के व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध है। आरोपियों को कैसे पता लगा कि शोरूम में रकम आई है। चाणक्यपुरी थाना पुलिस आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

पिछले 2 वर्षों में 50 से ज्यादा ठगी के मामले
ठग अक्सर खुद को सीबीआई, ईडी, आयकर या पुलिस का अफसर बताकर आते हैं। अधिकतर मामलों में डराकर कैश, गहने या ऑनलाइन ट्रांसफर से पैसे वसूले जाते हैं। इनके निशाने पर बड़े कारोबारी, डॉक्टर, रियल एस्टेट के कारोबारी और बुजुर्ग होते हैं। ठग बड़े शातिर होते हैं और होमवर्क इतना जबरदश्त होता है कि ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता है जो पुलिस के पास जाने से बचते हैं। कई बार तो पता चला है कि कई व्यापारी तो गई हुई असल रकम को छुपा जाते हैं। इसकी वजह कहीं आगे उनकी कमाई पर असल ईडी या आयकर की नजर न पड़ जाए।

2023–2025 के फर्जी रेड के बड़े मामले

  • दिल्ली में बिल्डर पर ईडी की फर्जी रेड में 5 करोड़ की मांग की गई और 7 गिरफ्तार हुए।
  • गुजरात के कच्छ में एक कारोबारी के यहां ईडी की फर्जी रेड में 25 लाख नकद और गहने ले गए, 12 गिरफ्तार।
  • पुणे में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर डीआरडीओ के अधिकारी से 1.1 करोड़ वसूले, जांच जारी।
  • रायपुर में पुलिस वर्दीधारी ने महिला से सोना ठगा। मामला दर्ज होने पर 2 लोगों को किया गया गिरफ्तार।

सही पहचान पत्र दिखाने की मांग करें
सभी सरकारी अधिकारियों के पास आधिकारिक आईडी और रेड की ऑर्डर कॉपी होती है। कभी भी कैश या ऑन-स्पॉट जमानत नहीं ली जाती। रेड से पहले लिखित सूचना/वारंट जरूरी होता है, खासकर ईडी या सीबीआई के मामलों में। किसी संदेह की स्थिति में तुरंत 100 नंबर या नजदीकी थाने पर कॉल करें। पुलिस विभाग, सीबीआई और ईडी ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई अधिकारी खुद को जांच एजेंसी से बताकर घर या ऑफिस में रेड करता है और सीधे पैसों की मांग करता है, तो उसे तुरंत संदेह के घेरे में लाएं और पुलिस को सूचित करें।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics