मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और पंकज मिथल की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखा गया।
बीते मंगलवार को सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी और अगले आदेश तक उनकी अंतरिम जमानत को बरकरार रखा था। इससे पहले कोर्ट ने बीते साल 14 दिसंबर को आप नेता को दी गई अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई, 2023 को चिकित्सा आधार पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री को अंतरिम जमानत दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया गया है। आप नेता ने इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई की एफआईआर के आधार पर जैन को गिरफ्तार किया गया था। जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्हें 6 सितंबर, 2019 को सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में ट्रायल कोर्ट की तरफ से नियमित जमानत दी गई थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद मई में जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, लेकिन अलग-अलग शर्तों के साथ, जिसमें मीडिया से बात करने पर रोक और बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने पर रोक भी शामिल थी।
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