भलस्वा लैंडफिल को कूड़ा मुक्त करने और क्षेत्र को विकसित करने की कमान केंद्र सरकार ने संभाल ली है। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस लैंडफिल साइट को गोद लिया है और एक साल के भीतर इसे कूड़ा मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। अब तक यह काम उपराज्यपाल संभाले हुए थे लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से परियोजना को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। खट्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि भलस्वा को दिल्ली के लिए मॉडल साइट के रूप में विकसित किया जाएगा।
70 एकड़ जमीन का पुनर्विकास
कचरे से खाली होने वाली लगभग 70 एकड़ जमीन पर एमसीडी ने पुनर्विकास की योजना बनाई है। 50 एकड़ पर आधुनिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) सुविधाएं, ट्रांसफर स्टेशन और मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर, 10 एकड़ में 500 टन प्रतिदिन क्षमता वाला बायो-मीथेनेशन/बायो-सीएनजी प्लांट, 10 एकड़ में हरित पट्टी और प्रतिपूरक पौधरोपण करेगी।
पर्यावरणीय पहल
साइट पर बांस लगाए जाएंगे जो प्रदूषण सोखने में मदद करेंगे और मिट्टी को मजबूत भी बनाएंगे। साइट की बाउंड्री पर घना वन क्षेत्र विकसित करने की योजना है। ताकि आसपास की बस्तियों पर प्रदूषण का असर कम होगा।
चुनौतियों भरी राह
विशेषज्ञों का मानना है कि एक साल में पूरे लैंडफिल को कूड़ा मुक्त करना आसान काम नहीं है। इसमें न केवल मशीनों और संसाधनों की जरूरत होगी, बल्कि नई ताजा डंपिंग को भी रोकना एक बड़ी चुनौती होगी। एमसीडी और केंद्र सरकार दोनों के सामने यह परीक्षा की घड़ी होगी कि क्या वे तय समय सीमा के भीतर दिल्ली को इस कचरे के पहाड़ से निजात दिला पाएंगे।
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