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दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा : यमुना खतरे के निशान से ऊपर, पहाड़ों पर बारिश से संकट सिर पर; सरकार सतर्क

यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली पुलिस और डीडीएमए की राहत बचाव टीमों ने यमुना के किनारे की झुग्गियों में सर्च ऑपरेशन चलाया।

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और दिल्ली-एनसीआर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, मौसम विभाग ने हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में इस हफ्ते भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे संकट गहराने के आसार हैं। यमुना नदी सोमवार को दोपहार बाद खतरे का निशान पार कर गई है। नदी के बाढ़ क्षेत्र में अब किसी को रुकने की इजाजत नहीं है। पानी क्षमता से ज्यादा होने के बाद अब हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज के सारे गेट खोल दिए गए हैं। दिल्ली में शाम को सात बजे तक यमुना का जलस्तर 205.59 मीटर रहा।

यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली पुलिस और डीडीएमए की राहत बचाव टीमों ने यमुना के किनारे की झुग्गियों में सर्च ऑपरेशन चलाया। प्रशासन ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र से सभी को बाहर निकाला। पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी के पास बंध रोड पर बने केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे यमुना के जलस्तर की निगरानी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। दिल्ली बोट क्लब में करीब 24 नौकाएं, गोताखोर, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की टीमें आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

हथिनीकुंड बैराज से फिर छोड़ा गया अधिक पानी

हथिनीकुंड बैराज से रविवार को करीब 1.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वहीं सोमवार को फिर दोपहर में करीब 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रविवार को छोड़ा गया पानी आधी रात में दिल्ली पहुंचेगा, जबकि सोमवार को छोड़ा गया पानी मंगलवार को शाम तक दिल्ली पहुंचेगा। इसके बाद आशंका है कि दिल्ली का जलस्तर 206.0 मीटर के पार चला जाएगा।

दिल्ली में इतने जलस्तर को बाढ़ माना जाता है, तब लोगों को यमुना बाढ़ क्षेत्र से हर हाल में बाहर निकाल दिया जाता है। सोमवार की आधी रात में पानी अचानक बढ़ने की आशंका को देखते हुए लोगों को पहले ही बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई है। मौजूदा समय हथिनीकुंड बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक पानी हर घंटे छोड़ा जा रहा है। पानी बढ़ने के बाद यमुना बाजार इलाके में कई सीवेज का पानी ओवर फ्लो कर रहा है।

दोपहर बाद यमुना खतरे के निशान पार

सुबह 10 बजे – 205.03 मीटर
सुबह 11 बजे – 205.15 मीटर
दोपहर 2 बजे – 205.36 मीटर
शाम 6 बजे – 205.55 मीटर
शाम 7 बजे – 205.59 मीटर
दिल्ली पूरी तरह बाढ़ से सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं : सीएम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि शहर में कहीं भी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होगी। मानसून से पहले ही बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यदि थोड़ी बहुत समस्या आती भी है तो वह केवल फ्लड प्लेन क्षेत्रों तक सीमित रहेगी। वहां पानी आना स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को यमुना नदी और उससे सटे क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद यह बातें कही। सीएम ने कहा कि आईटीओ बैराज के सभी गेट खोले गए हैं।
मुख्यमंत्री ने असीता घाट से यमुना छठ घाट, डीएम ईस्ट कार्यालय, 12 नंबर रेगुलेटर और केंद्रीय कंट्रोल रूम का दौरा किया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और पहाड़ी क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग की एडवाइजरी के तहत दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। नदी के बाढ़ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने पहले ही सचेत कर दिया है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जरूरी इंतजाम कर दिए गए हैं।
राहत बचाव के लिए प्रशासन मुस्तैद
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्लीवासियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों के लिए 14 अहम जगहों पर नावों की तैनाती की गई है। साथ ही यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुंचे और ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसके लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सभी रेगुलेटर्स को पूरी तरह चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। 15 वायरलेस स्टेशन स्थापित हैं जो यमुना के जलस्तर, जलभराव की निगरानी कर रहे हैं।
पानी तेज गति से दिल्ली से बाहर निकल रहा
मुख्यमंत्री ने बताया कि यमुना में इस समय एक लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन वह बिना अवरोध व उतनी ही गति से आगे भी बढ़ रहा है। पहले ऐसा नहीं होता था, जिसके कारण जलभराव की स्थिति बनती थी।
आईटीओ बैराज के सभी गेट खोले गए
रेखा गुप्ता ने कहा कि अगस्त-सितंबर 2023 में दिल्ली ने बाढ़ का सामना किया, जब यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गया था। कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। तब नालों की डी-सिल्टिंग और बैराजों की व्यवस्थाएं ठीक नहीं थीं, यहां तक कि आईटीओ बैराज के गेट भी बंद और जाम पड़े थे। इस बार पिछले छह महीनों से लगातार काम करके आईटीओ बैराज के सभी गेट पूरी तरह से खोल दिए गए हैं और नालों की डी-सिल्टिंग पूरी होने से उनकी क्षमता भी बढ़ गई है। सरकार ने हर स्तर पर पूरी तैयारी कर रखी है।

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