header advertisement

Yamuna : छठ पर बदली हुई दिखेगी दिल्ली में यमुना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सफाई में बनेगी मददगार; PM का अल्टीमेटम

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छठ पर्व को मनाते समय दिल्ली के लोगों को यमुना के बदलाव का अनुभव होना चाहिए।

छठ पर्व पर दिल्ली में यमुना बदली-बदली नजर आएगी। यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें यमुना के विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद लेने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शहरी नदी प्रबंधन योजना बनाने और उसे मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। इसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद रहीं।

दिल्ली सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली समग्र जल के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजना विकसित करेगी। प्रबंधन को शहर के मास्टर प्लान के साथ जोड़ा जाएगा। नदी पुनरुद्धार और नदी के आसपास सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए स्वयंसेवकों को जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छठ पर्व को मनाते समय दिल्ली के लोगों को यमुना के बदलाव का अनुभव होना चाहिए।

साथ ही कहा कि नालों के प्रवाह और सीवेज प्लांट के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए वास्तविक समय का डाटा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग होना चाहिए। पीएम आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

तीन माह से तीन साल की योजना होगी तैयार 
यमुना को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए तीन माह से तीन साल की योजना तैयार होगी। कार्ययोजना में अल्पकालिक गतिविधियां (3 महीने), मध्यम अवधि गतिविधियां (3 महीने से 1.5 साल) और दीर्घकालिक गतिविधियां (1.5 से 3 साल) को शामिल किया गया है। इसमें ड्रेन मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज मैनेजमेंट, सेप्टेज और डेयरी वेस्ट मैनेजमेंट, औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार बुनियादी ढांचे की कमी की पहचान और निगरानी उपायों, यमुना नदी में प्रवाह में सुधार, बाढ़ के मैदान की सुरक्षा, हरित नदी के किनारे विकास और सार्वजनिक पहुंच के लिए विशेष समय सीमा तय की गई है।

पेयजल में होगा सुधार 
बैठक में लीकेज और गैर-राजस्व जल को कम करने के लिए दिल्ली की पेयजल प्रणाली के पुनर्वास का निर्णय लिया गया। साथ ही दिल्ली समग्र जल प्रबंधन के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजना तैयार करने व उसे शहर के मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने का निर्णय लिया गया।

जलमल शोधन संयंत्रों पर निगरानी की जाए
पीएम ने सलाह दी कि नालों में प्रवाह को मापने के साथ-साथ जलमल शोधन संयंत्रों के कामकाज पर निगरानी के लिए सूक्ष्म स्तर के तात्कालिक आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। प्रदूषण निवारण ढांचे की आगे की योजना और कार्यान्वयन इन आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए। बयान के अनुसार, पीएम ने कहा कि डाटा का उपयोग शासन में सुधार के लिए भी किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मौजूदा बुनियादी ढांचा प्रभावी रूप से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि इस उद्देश्य के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है।

हरियाणा से संगम तक के लिए योजना 
यमुना की सफाई के लिए योजना बनाते समय नदी के समग्र स्वरूप पर चर्चा की गई। इसमें नदी के हरियाणा खंड, नदी के दिल्ली खंड और दिल्ली से प्रयागराज संगम तक के खंड में की जाने वाली कार्रवाई शामिल है। दिल्ली खंड के अलावा, ब्रज के आसपास के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

सूक्ष्म स्तर पर हो निगरानी 
पीएम ने सलाह दी कि नालों में प्रवाह को मापने के साथ-साथ सीवेज उपचार संयंत्रों के कामकाज की निगरानी के लिए सूक्ष्म स्तर पर वास्तविक समय का डाटा आधुनिक तकनीक से इकट्ठा किया जाए। डाटा की मदद से यमुना के सुधार में काम किया जाएगा। उन्होंने सलाह दी कि इसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics